ATS ने दिल्ली के मोहम्मद हारुन को जासूसी के आरोप में किया गिरफ्तार, परिवार बोला- ‘पहलगाम हमले से कोई लेना-देना नहीं’

  • यूपी ATS की कार्रवाई, पाकिस्तानी एजेंटों से संबंध का आरोप
  • परिवार का दावा- हारुन शादी के लिए गया था पाकिस्तान, वीजा प्रक्रिया थी वैध
  • ATS की जांच में खुलासा- मुजम्मिल हुसैन के साथ मिलकर करता था अवैध वसूली

उत्तर प्रदेश एंटी-टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) ने दिल्ली के सीलमपुर निवासी मोहम्मद हारुन को पाकिस्तान के लिए जासूसी और पाकिस्तानी एजेंटों से संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तार किया है. यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है, जब हारुन का परिवार दावा कर रहा है कि उसका जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले से कोई संबंध नहीं है. ATS ने हारुन को 22 मई 2025 को गिरफ्तार किया, और उस पर पाकिस्तानी दूतावास से निष्कासित कर्मचारी मुजम्मिल हुसैन के साथ मिलकर राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है।

ATS के अनुसार, मोहम्मद हारुन पाकिस्तानी दूतावास के कर्मचारी मुजम्मिल हुसैन के साथ मिलकर वीजा दिलाने के नाम पर अवैध वसूली करता था और भारत की संवेदनशील सूचनाएं पाकिस्तानी एजेंटों के साथ साझा करता था. ATS ने दावा किया कि हारुन एक जासूसी नेटवर्क का हिस्सा था, जो कबाड़ी के कारोबार की आड़ में चल रहा था. यह गिरफ्तारी ATS की व्यापक कार्रवाई का हिस्सा है, जिसमें पहले रामपुर से मोहम्मद शहजाद को भी जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. हारुन की गतिविधियों पर ATS पिछले तीन महीने से नजर रख रही थी, और उसे दिल्ली से हिरासत में लिया गया।

मोहम्मद हारुन के परिवार ने उसे निर्दोष बताते हुए ATS की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं. हारुन के भाई मोहम्मद साहिद ने बताया कि हारुन 5 अप्रैल 2025 को अपनी शादी के लिए पाकिस्तान गया था और 25 अप्रैल को लौटा था. उन्होंने कहा, “दो लोग सिविल ड्रेस में आए और बोले कि पाकिस्तान से लौटे लोगों से पूछताछ हो रही है. हमें भरोसा दिया गया कि उसे छोड़ दिया जाएगा.”।

हारुन की पत्नी शबाना ने दावा किया कि उनके पति का पाकिस्तान जाना केवल अपनी दूसरी पत्नी से मिलने और वीजा संबंधी काम के लिए था, जो हमेशा वैध प्रक्रिया के तहत होता था. उन्होंने ATS पर बिना कारण हिरासत में लेने और परिवार को हारुन से मिलने से रोकने का आरोप लगाया. हारुन की मां रुकैया बेगम ने भी बेटे का बचाव करते हुए कहा, “वह साल में एक बार अपनी दूसरी शादी के लिए पाकिस्तान जाता था. अगर तीन महीने से निगरानी थी, तो उसे सीमा पर क्यों नहीं रोका गया?” उन्होंने संदेह जताया कि हारुन को मुजम्मिल नामक संपर्क ने गुमराह किया हो सकता है।

पहलगाम हमले से संबंध?
परिवार ने दावा किया है कि हारुन का पहलगाम में 6 मई 2025 को हुए आतंकी हमले से कोई लेना-देना नहीं है, जिसमें 26 लोग मारे गए थे. ATS ने भी अभी तक हारुन और इस हमले के बीच सीधा संबंध स्थापित नहीं किया है, लेकिन उसकी पाकिस्तान यात्रा और मुजम्मिल हुसैन के साथ संबंधों को संदिग्ध माना जा रहा है. मुजम्मिल हुसैन को 21 मई 2025 को भारत से निष्कासित कर दिया गया था, जिसके बाद ATS ने हारुन को हिरासत में लिया।

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