वीआईपी ट्रेन में हंगामा: लखनऊ-दिल्ली एसी एक्सप्रेस की बोगी में छत से बरसा पानी, यात्री भागे, सामान हुआ खराब

लखनऊ से नई दिल्ली जा रही उत्तर रेलवे की वीआईपी ट्रेन, एसी सुपरफास्ट एक्सप्रेस, में शनिवार रात उस समय अफरातफरी मच गई, जब थर्ड एसी बोगी की छत से तेज धार के साथ पानी टपकने लगा। पानी की बौछारों ने बोगी को स्विमिंग पूल में बदल दिया, जिससे यात्री अपनी सीटें छोड़कर इधर-उधर भागने को मजबूर हो गए। यात्रियों के कपड़े, सामान, और खाने-पीने की वस्तुएं भीगकर खराब हो गईं। इस घटना ने रेलवे की प्रीमियम ट्रेनों की रखरखाव व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। शिकायत के बाद रेलवे ने प्रभावित बोगी को हटाकर जांच के लिए सिक लाइन में भेजा, लेकिन यात्रियों की परेशानी ने सोशल मीडिया पर हंगामा मचा दिया।

ट्रेन में अचानक बिगड़ा माहौल

घटना शनिवार देर रात की है, जब लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन से नई दिल्ली के लिए रवाना हुई एसी सुपरफास्ट एक्सप्रेस अपनी रफ्तार से मंजिल की ओर बढ़ रही थी। रात करीब 2 बजे, ट्रेन की थर्ड एसी बोगी (B-2) की सीट नंबर 68 से 70 वाली केबिन में अचानक छत से पानी की तेज धार बहने लगी। यह पानी इतनी तेजी से गिर रहा था कि छह सीटों पर सो रहे यात्री तुरंत भीग गए। मिडिल और अपर बर्थ पर सो रहे यात्री नीचे कूदकर सुरक्षित जगह की तलाश में इधर-उधर भागे।

यात्रियों ने बताया कि पानी की धार ने बोगी के फर्श को पूरी तरह तर कर दिया, जिससे यह एक स्विमिंग पूल जैसा दिखने लगा। यात्रियों के सामान, जैसे कपड़े, बैग, और खाने-पीने की चीजें, पानी में डूबकर खराब हो गए। एक यात्री ने बताया, “हमने इतनी महंगी टिकट बुक की थी, लेकिन इस तरह की लापरवाही की उम्मीद नहीं थी। रात के समय पानी गिरने से हमारी नींद और सामान दोनों खराब हो गए।”

यात्रियों की शिकायत और सोशल मीडिया पर हंगामा

पानी टपकने की इस घटना से नाराज यात्रियों ने तुरंत ट्रेन के कर्मचारियों को सूचित किया, लेकिन तत्काल कोई समाधान नहीं मिला। कई यात्रियों ने अपनी परेशानी को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा किया, जहां रेलवे की लापरवाही की जमकर आलोचना हुई। यात्रियों ने लिखा, “वीआईपी ट्रेन कहलाने वाली एसी एक्सप्रेस में यह हाल है! छत से पानी टपक रहा है, सामान खराब हो गया, और रेलवे कर्मचारी बेपरवाह हैं।” कुछ यात्रियों ने रेलवे को टैग करते हुए मुआवजे की मांग भी की।

सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो और तस्वीरों में बोगी के भीतर पानी की धार और भीगा हुआ फर्श साफ नजर आ रहा था। यात्रियों ने रेलवे की प्रीमियम ट्रेनों की स्थिति पर सवाल उठाते हुए इसे शर्मनाक बताया। एक यात्री ने लिखा, “रेलवे किराया बढ़ाता है, लेकिन सुविधाएं घटिया ही रहती हैं। क्या यही है वीआईपी ट्रेन का स्तर?”

रेलवे की कार्रवाई: बोगी हटाकर जांच शुरू

यात्रियों की शिकायतों के बाद रेलवे ने इस मामले को गंभीरता से लिया। ट्रेन के नई दिल्ली पहुंचने पर प्रभावित थर्ड एसी बोगी (B-2) को तुरंत हटा दिया गया और उसे जांच के लिए सिक लाइन में भेजा गया। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि छत से पानी टपकने की वजह तकनीकी खराबी हो सकती है, जिसकी जांच की जा रही है। हालांकि, यात्रियों को इस दौरान हुई परेशानी के लिए कोई तत्काल मुआवजा या वैकल्पिक व्यवस्था नहीं दी गई, जिससे उनकी नाराजगी और बढ़ गई।

रेलवे की रखरखाव व्यवस्था पर सवाल

यह घटना उत्तर रेलवे की प्रीमियम ट्रेनों की रखरखाव व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है। एसी सुपरफास्ट एक्सप्रेस जैसी वीआईपी ट्रेनें यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने का दावा करती हैं, लेकिन इस तरह की घटनाएं रेलवे की लापरवाही को उजागर करती हैं। यात्रियों ने शिकायत की कि ट्रेन की बोगियों की नियमित जांच और मरम्मत पर ध्यान नहीं दिया जाता, जिसके कारण ऐसी घटनाएं बार-बार सामने आती हैं।

पिछले कुछ महीनों में भी कई ट्रेनों में एसी बोगियों में खराबी, गंदगी, और तकनीकी समस्याओं की शिकायतें सामने आ चुकी हैं। रेलवे की प्रीमियम ट्रेनों में किराया सामान्य ट्रेनों की तुलना में काफी अधिक होता है, लेकिन सुविधाओं का स्तर अक्सर अपेक्षाओं से कम रहता है।

यात्रियों की मांग: बेहतर सुविधाएं और मुआवजा

यात्रियों ने रेलवे से मांग की है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए बोगियों की नियमित जांच और रखरखाव सुनिश्चित किया जाए। साथ ही, इस घटना से प्रभावित यात्रियों को मुआवजा देने की मांग भी उठ रही है। एक यात्री ने कहा, “हमने हजारों रुपये खर्च करके टिकट लिया, लेकिन बदले में हमें परेशानी और नुकसान मिला। रेलवे को हमारा सामान खराब होने का मुआवजा देना चाहिए।”

सामाजिक और प्रशासनिक प्रभाव

यह घटना रेलवे की विश्वसनीयता और प्रीमियम सेवाओं पर सवाल उठाती है। लखनऊ से नई दिल्ली का सफर करने वाले यात्री, जो ज्यादातर व्यवसायी, सरकारी कर्मचारी, और पर्यटक होते हैं, ऐसी ट्रेनों से आरामदायक और सुरक्षित यात्रा की उम्मीद करते हैं। लेकिन इस तरह की घटनाएं उनकी उम्मीदों पर पानी फेर देती हैं। सोशल मीडिया पर इस घटना ने रेलवे की कार्यप्रणाली को लेकर बहस छेड़ दी है, और लोग रेल मंत्रालय से जवाब मांग रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *