आगरा में झोलाछाप का खौफनाक खेल: 12वीं पास फर्जी डॉक्टर पकड़ा गया, अवैध क्लीनिक में इलाज का बड़ा खुलासा

आगरा के फतेहाबाद क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने निबोहरा में एक अवैध क्लीनिक पर छापा मारकर 12वीं पास फर्जी डॉक्टर भूपेंद्र सिंह को मरीजों का इलाज करते पकड़ा। क्लीनिक में दवाएं, सर्जिकल सामान और मेडिकल वेस्ट बरामद हुआ, जिससे पता चला कि वह ड्रिप लगाने और सर्जिकल प्रक्रियाएं करने का भी दुस्साहस कर रहा था। स्वास्थ्य विभाग ने क्लीनिक को सील कर चाबी पुलिस को सौंप दी और आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर गिरफ्तारी कराई। यह घटना लोगों की जान से खिलवाड़ करने वाले झोलाछापों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत को उजागर करती है।

विस्तार

आगरा के फतेहाबाद में निबोहरा गांव में स्वास्थ्य विभाग ने एक ऐसी जगह पर छापा मारा, जो अस्पताल कम और मौत का घर ज्यादा लग रहा था। यहां 12वीं पास भूपेंद्र सिंह बिना किसी चिकित्सकीय डिग्री या लाइसेंस के मरीजों का इलाज कर रहा था। स्वास्थ्य विभाग की अपंजीकृत सेल के नोडल प्रभारी डॉ. जितेंद्र लवानियां की अगुवाई में हुई इस कार्रवाई ने झोलाछापों की खतरनाक दुनिया का पर्दाफाश किया।

छापे में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि अवैध रूप से इलाज की शिकायत मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने निबोहरा में छापा मारा। मौके पर भूपेंद्र सिंह को एक मरीज की ड्रेसिंग करते पकड़ा गया। क्लीनिक में दो-तीन मरीज मौजूद थे, जिनमें बुखार, खांसी, निमोनिया जैसी समस्याओं से पीड़ित लोग शामिल थे। एक महिला अपने बच्चे को लेकर इलाज के लिए आई थी। जब भूपेंद्र से चिकित्सकीय डिग्री और क्लीनिक का लाइसेंस मांगा गया, तो वह कोई दस्तावेज नहीं दिखा सका। पूछताछ में उसने कबूल किया कि वह केवल इंटर पास है और बिना किसी मेडिकल योग्यता के इलाज कर रहा था।

क्लीनिक की तलाशी में स्वास्थ्य विभाग को चौंकाने वाली चीजें मिलीं। वहां दो तखत और एक बेंच थी, जहां मरीजों को बिठाया जाता था। अलमारी में कई दवाएं, इस्तेमाल किए गए इंजेक्शन, फ्लूइड की बोतलें और अन्य मेडिकल वेस्ट पड़ा था। सर्जिकल सामान भी बरामद हुआ, जिससे संदेह है कि भूपेंद्र मरीजों को ड्रिप लगाने और छोटी-मोटी सर्जरी करने का भी दुस्साहस कर रहा था। इस लापरवाही से मरीजों की जान को गंभीर खतरा हो सकता था।

स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की कार्रवाई

स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल क्लीनिक को सील कर दिया और इसकी चाबी फतेहाबाद पुलिस को सौंप दी। भूपेंद्र सिंह के खिलाफ केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। सीएमओ ने बताया कि इस तरह की कार्रवाइयां पहले भी की गई हैं, और भविष्य में भी झोलाछापों के खिलाफ सख्ती बरती जाएगी। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे ऐसे फर्जी डॉक्टरों से इलाज न कराएं, क्योंकि इससे उनकी जान को खतरा हो सकता है।

सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा

सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि आगरा जिले में हर ब्लॉक में एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और दो-तीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) हैं, जहां मुफ्त इलाज की सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे झोलाछापों के चक्कर में न पड़ें और सरकारी अस्पतालों में इलाज कराएं। झोलाछापों की शिकायत के लिए स्वास्थ्य विभाग ने हेल्पलाइन नंबर (0562-2600412, 9458569043) भी जारी किए हैं, जहां लोग अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

झोलाछापों का खतरा और सामाजिक जागरूकता

यह घटना झोलाछापों द्वारा लोगों की जान से खिलवाड़ का एक और उदाहरण है। बिना किसी मेडिकल डिग्री के इलाज करने वाले ये लोग न केवल मरीजों की बीमारी को बढ़ा सकते हैं, बल्कि उनकी जान को भी खतरे में डाल सकते हैं। पहले भी आगरा में कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जहां झोलाछापों की लापरवाही से मरीजों की हालत बिगड़ गई या उनकी मौत हो गई। इस घटना ने एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की जिम्मेदारी को रेखांकित किया है कि ऐसे फर्जी क्लीनिकों पर सख्ती से रोक लगाई जाए।

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