बोइंग विमानों की जांच तेज. भारत में उड्डयन सुरक्षा पर सवाल

एयर इंडिया हादसे के बाद सतर्कता

भारत में हाल ही में हुए एक दुखद हवाई हादसे के बाद उड्डयन क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं. नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने देश की सभी एयरलाइनों को बोइंग विमानों के फ्यूल कंट्रोल स्विच की जांच करने का निर्देश दिया है. यह कदम एयर इंडिया की उड़ान 171 के जून 2025 में अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद उठाया गया है, जिसमें 260 लोगों की जान गई थी. भारतीय विमानन जांच ब्यूरो (एएआईबी) की प्रारंभिक रिपोर्ट में फ्यूल स्विच के गलत तरीके से बंद होने को हादसे का संभावित कारण बताया गया है.

डीजीसीए ने 21 जुलाई 2025 तक सभी बोइंग विमानों, विशेष रूप से 737 और 787 मॉडल, के फ्यूल कंट्रोल स्विच की लॉकिंग व्यवस्था की जांच पूरी करने का आदेश दिया है. यह निर्देश 2018 में अमेरिकी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) द्वारा जारी एक सलाह के आधार पर है, जिसमें स्विच की लॉकिंग सुविधा की जांच की सिफारिश की गई थी. हालांकि, यह सलाह अनिवार्य नहीं थी, जिसके कारण एयर इंडिया ने पहले इसकी अनदेखी की थी. अब डीजीसीए ने सख्ती दिखाते हुए सभी एयरलाइनों को जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा है.

भारत में बोइंग विमानों का संचालन करने वाली प्रमुख एयरलाइनों में एयर इंडिया, आकाशा एयर, और स्पाइसजेट शामिल हैं. जानकारी के अनुसार, एयर इंडिया के पास 57 बोइंग विमान हैं, जिनमें 33 ड्रीमलाइनर और बाकी 737 मॉडल हैं. आकाशा एयर के पास 30 बोइंग 737 मैक्स विमान हैं, जबकि स्पाइसजेट 27 बोइंग 737 विमानों का संचालन करती है. इसके अलावा, विस्तारा के कुछ वेट-लीज्ड ड्रीमलाइनर भारत में पंजीकृत नहीं हैं, इसलिए वे इस जांच के दायरे में नहीं आते. एयर इंडिया ने अपनी आधी ड्रीमलाइनर फ्लीट की जांच पूरी कर ली है और कोई खामी नहीं पाई गई.

एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, एयर इंडिया की बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर के इंजनों में उड़ान भरने के तुरंत बाद ईंधन की आपूर्ति बंद हो गई थी. कॉकपिट में एक पायलट को दूसरे से पूछते सुना गया कि उसने ईंधन क्यों बंद किया, जिसका जवाब था कि ऐसा नहीं किया गया. इसने पायलट त्रुटि या स्विच की तकनीकी खराबी की संभावना को जन्म दिया है. हालांकि, एफएए और बोइंग ने दावा किया है कि फ्यूल स्विच लॉक सुरक्षित हैं और इस मुद्दे को गंभीर नहीं माना गया है.

भारत के अलावा, दक्षिण कोरिया और सिंगापुर जैसे देशों ने भी अपने बोइंग विमानों की जांच शुरू कर दी है. सिंगापुर एयरलाइंस ने अपनी 787 फ्लीट की जांच पूरी कर ली है, जबकि कोरियन एयर और जापान एयरलाइंस ने भी स्विच की जांच शुरू की है. यह हादसा वैश्विक स्तर पर बोइंग के डिजाइन और सुरक्षा मानकों पर सवाल उठा रहा है.

एयर इंडिया हादसे ने भारत और वैश्विक उड्डयन क्षेत्र में सुरक्षा प्रोटोकॉल को लेकर नई बहस छेड़ दी है. डीजीसीए का त्वरित कदम और एयरलाइनों की सक्रियता यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण है. जांच के अंतिम निष्कर्षों का इंतजार है, जो इस हादसे के कारणों को स्पष्ट करेंगे.

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