लॉरेंस बिश्नोई गैंग का खतरनाक खेल: मोबाइल ऐप से शूटर भर्ती, बाह के बीहड़ बने नए ठिकाने

लॉरेंस बिश्नोई गैंग, जो पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में अपने आपराधिक नेटवर्क के लिए कुख्यात है, अब आगरा के बाह और पिनाहट क्षेत्रों में पैर पसार रहा है। पहले इन इलाकों के बेरोजगार युवा साइबर ठगी में शामिल थे, लेकिन अब वे लॉरेंस गैंग से जुड़कर गंभीर अपराधों की ओर बढ़ रहे हैं। पिछले दो सालों में पुलिस ने बाह से इस गैंग के पांच शूटरों को गिरफ्तार किया है। गैंग युवाओं को भर्ती करने के लिए एक खास मोबाइल ऐप का इस्तेमाल करता है, जिसके जरिए नए शूटरों को जोड़ा जाता है और उन्हें हमलों की जिम्मेदारी सौंपी जाती है।

गैंग का रिक्रूटमेंट सेल बेहद सुनियोजित तरीके से काम करता है। युवाओं को सिर्फ टारगेट की जानकारी दी जाती है, और हथियार, कारतूस व पैसे मुहैया कराए जाते हैं। हमले के बाद गैंग उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी लेता है। हाल ही में, राजस्थान पुलिस ने बाह पुलिस की मदद से प्रदीप शर्मा उर्फ गोलू पंडित को गिरफ्तार किया, जो श्रीगंगानगर में एक कारोबारी से चौथ मांगने और फायरिंग के मामले में शामिल था। वह फर्जी आईडी के साथ होटलों में रुका और बाद में अपने घर पक्की तलैया में छिपा था।

इसके अलावा, 2023 में जयपुर पुलिस और स्वाट टीम ने लॉरेंस गैंग के तीन शूटरों—जयप्रकाश उर्फ जेपी, रिषभ उर्फ यशचंद्र और प्रदीप शुक्ला उर्फ बाबा—को गिरफ्तार किया था, जो एक होटल मालिक से एक करोड़ रुपये की उगाही के लिए चिट्ठी फेंककर फरार हो गए थे। बाह के बड़ागांव के भूपेंद्र गुर्जर उर्फ थापा भी मुठभेड़ में पकड़ा गया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि ये शूटर मोबाइल ऐप के जरिए गैंग के हैंडलरों के संपर्क में आए थे।

लॉरेंस बिश्नोई गैंग का बाह में बढ़ता नेटवर्क सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। डीसीपी पूर्वी जोन अली अब्बास ने बताया कि ग्रामीणों के साथ संवाद कार्यक्रम आयोजित कर गैंग की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी और माता-पिता को अपने बच्चों पर ध्यान देने की सलाह दी जाएगी। बाह के बीहड़ अब गैंग के नए ठिकाने बन रहे हैं, जिसे रोकने के लिए पुलिस सक्रिय हो रही है।

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