लखनऊ के सरोजनीनगर में शुक्रवार सुबह दवा कारोबारी मोनू सिंह की मॉर्निंग वॉक से लौटने के बाद अचानक तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई. चार दिन पहले उनके छोटे भाई अभिषेक सिंह उर्फ पवन की हार्ट अटैक से मृत्यु हुई थी. 25 वर्षीय पवन की अचानक मौत ने मोनू को डिप्रेशन में डाल दिया था. शुक्रवार सुबह 5 बजे मोनू मॉर्निंग वॉक के लिए निकले. लौटने पर उन्होंने शुगर और डिप्रेशन की दवाएं लीं. इसके बाद उनकी हालत बिगड़ गई. परिजन उन्हें नजदीकी निजी अस्पताल ले गए, जहां से डॉक्टरों ने पीजीआई रेफर किया. पीजीआई में डॉक्टरों ने मोनू को मृत घोषित कर दिया. चार दिन में दो बेटों की मौत से परिवार सदमे में है. घर में अब बुजुर्ग माता-पिता और मोनू की पत्नी बचे हैं.
भाई के नाम पर चलता था मेडिकल स्टोर
मोनू सिंह बंथरा में अपने परिवार के साथ रहते थे. उनके छोटे भाई पवन वकील थे और सरोजनीनगर तहसील में प्रैक्टिस करते थे. 9 जून को तहसील में पवन को अचानक हार्ट अटैक हुआ और उनकी मृत्यु हो गई. मोनू और पवन का आपस में गहरा लगाव था. मोनू ने अपने भाई के नाम पर मेडिकल स्टोर खोला था. पड़ोसियों के मुताबिक, पवन की मौत ने मोनू को तोड़ दिया था. उन्होंने डिप्रेशन की दवाएं शुरू कर दी थीं. पवन की फरवरी में शादी होने वाली थी, जिसकी तैयारियां चल रही थीं. मोनू ने बताया था कि पवन स्वस्थ और खुशमिजाज थे, उन्हें कोई बीमारी नहीं थी. उनकी अचानक मौत ने परिवार की खुशियां छीन लीं.
परिवार और पड़ोसियों में शोक
मोनू की शादी 20 साल पहले हुई थी. उनके परिवार में पत्नी, पिता लाल बहादुर और मां हीरामणि हैं. पवन परिवार के लाड़ले थे. दो बेटों की मौत से घर में मातम छा गया. रिश्तेदार और पड़ोसी परिवार को सांत्वना देने पहुंचे, लेकिन कोई शब्द ढांढस बंधाने के लिए काफी नहीं था. मोनू ने बताया था कि पवन की मौत के बाद वे कई अस्पतालों में गए, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका. सीसीटीवी फुटेज में पवन के अचानक गिरने की घटना दर्ज थी. परिवार ने पोस्टमॉर्टम नहीं कराया, क्योंकि उन्हें किसी पर संदेह नहीं था. मोनू का अंतिम संस्कार कानपुर के घाट पर किया गया.