कासगंज में एएनएम का रिश्वत कांड। प्रसव के लिए मांगे पैसे वीडियो वायरल

कासगंज के ढोलना प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक सहायक नर्स मिडवाइफ (एएनएम) ने प्रसव के लिए खुलेआम रिश्वत मांगी। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। वीडियो में एएनएम सरोज प्रसूता के परिजनों से पैसे मांगते हुए दिखाई दे रही हैं। मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए एएनएम को निलंबित कर दिया। यह घटना जननी सुरक्षा योजना जैसी सरकारी योजनाओं की विश्वसनीयता पर सवाल उठाती है, जो प्रसूताओं और नवजातों की देखभाल के लिए शुरू की गई थी

प्रसव के नाम पर रिश्वत की मांग
हरियाठेर गांव के सनोज कुमार अपनी पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर बुधवार को ढोलना प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। वहां रिसेप्शन पर मौजूद एएनएम सरोज ने प्रसूता को डिलीवरी रूम में भर्ती किया। इसके बाद उन्होंने सनोज से पैसे की मांग शुरू कर दी। जब सनोज ने पैसे देने से इनकार किया तो एएनएम ने कहा कि हर जगह पैसे देने पड़ते हैं और सरकारी अस्पताल में तो कम पैसे में काम हो रहा है। उन्होंने परिजनों को यह भी कहा कि वे प्रसूता को कहीं और ले जाएं। इस दौरान परिजनों ने एएनएम की बातचीत का वीडियो बना लिया और इसे सोशल मीडिया पर साझा कर दिया।

वीडियो वायरल होने पर कार्रवाई
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी हरकत में आए। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. राजीव अग्रवाल ने बताया कि एएनएम सरोज द्वारा प्रसव के लिए पैसे मांगने का मामला उनके संज्ञान में आया है। वीडियो की जांच के बाद तत्काल प्रभाव से एएनएम को निलंबित कर दिया गया। सीएमओ ने कहा कि ऐसी घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जाएंगी और विभाग इस मामले की गहन जांच कर रहा है। यह कार्रवाई स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम है।

जननी सुरक्षा योजना पर उठे सवाल
जननी सुरक्षा योजना के तहत सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में प्रसव के बाद प्रसूताओं और उनके बच्चों की देखभाल के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है। लेकिन इस मामले ने योजना के दुरुपयोग की ओर इशारा किया है। परिजनों से पैसे मांगने की घटना ने स्थानीय लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया है। यह मामला न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में भ्रष्टाचार को उजागर करता है बल्कि गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाओं की आवश्यकता पर भी सवाल उठाता है। यह खबर कॉपीराइट मुक्त है और इसे वेबसाइट पर प्रकाशित किया जा सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *