उत्तर प्रदेश के स्टांप एवं पंजीयन विभाग में तबादलों के नाम पर कथित भ्रष्टाचार पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त रुख अपनाते हुए आईजी स्टांप समीर वर्मा को हटा दिया है और उनके द्वारा किए गए सभी 210 तबादलों को निरस्त कर दिया है। इस कार्रवाई की पृष्ठभूमि में राज्यमंत्री रवींद्र जायसवाल की शिकायत है, जिनका आरोप है कि आईजी स्तर पर बिना अनुमोदन के तबादलों में लाखों रुपये के लेनदेन हुए। मुख्यमंत्री ने मामले की जांच के निर्देश दिए हैं और आईजी स्टांप के स्थान पर प्रमुख सचिव अमित गुप्ता को अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। इसके साथ ही मंत्री ने मामले की जांच एसटीएफ से कराने का भी अनुरोध किया है।
रिपोर्ट्स के अनुसार मेरठ के एक बिल्डर के इशारे पर एनसीआर में तबादले कराए गए, जिससे भारी उगाही की शिकायतें सामने आईं। वहीं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस प्रकरण पर तंज कसते हुए तबादलों में ‘फीस’ के खेल पर निशाना साधा। उधर स्वास्थ्य विभाग में भी तबादलों को लेकर खींचतान के चलते निदेशक भवानी सिंह को हटाकर आर्यका अखौरी को जिम्मेदारी दी गई है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि तबादलों में किसी भी तरह की अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।