आगरा के फतेहाबाद क्षेत्र में स्थित मदरा गांव में शनिवार को बिजली मीटर लगाने को लेकर ग्रामीणों और बिजली विभाग की टीम के बीच तनाव बढ़ गया. स्थिति इतनी बिगड़ गई कि ग्रामीणों ने पुलिस और बिजली विभाग की टीम पर पथराव कर दिया. जवाब में पुलिस ने भी लाठीचार्ज किया. इस हिंसक झड़प में दो दरोगा समेत करीब 12 लोग घायल हो गए. पुलिस ने मामले में 142 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है, जिसमें 22 लोग नामजद हैं और एक आरोपी को जेल भेजा गया है.
विवाद की शुरुआत
मदरा गांव में बिजली चोरी रोकने के लिए दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम की टीम ग्रुप मीटर लगाने पहुंची थी. कुछ ग्रामीणों ने अवैध रूप से बिजली कनेक्शन ले रखे थे, जिसे कटिया कहते हैं. मीटर लगाने का विरोध करते हुए ग्रामीणों ने पहले बिजली विभाग की टीम के साथ बहस की, जो बाद में हिंसक हो गई. पुलिस और पीएसी की मौजूदगी के बावजूद ग्रामीणों ने पथराव शुरू कर दिया. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा. इस दौरान दोनों पक्षों को चोटें आईं.
पुलिस कार्रवाई और ग्रामीणों के आरोप
घटना के बाद पुलिस ने रात में गांव में छापेमारी की. डीसीपी पूर्वी जोन अली अब्बास ने बताया कि विद्युत उपकेंद्र के प्रभारी अजय कुमार सिसौदिया और टोरंट पावर की शिकायत पर बलवा, मारपीट, सरकारी कार्य में बाधा और धमकी देने जैसे आरोपों में केस दर्ज किया गया. एक आरोपी जितेंद्र को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है, जबकि अन्य की तलाश जारी है. पुलिस वायरल वीडियो के आधार पर आरोपियों की पहचान कर रही है. दूसरी ओर, ग्रामीणों ने पुलिस पर घरों में तोड़फोड़ और अभद्र व्यवहार का आरोप लगाया. गांव की ममता देवी ने दावा किया कि पुलिस ने रात में उनके घर का सामान तोड़ा और बच्चों को डराया. एक किशोरी ने बताया कि पुलिस ने उसका मोबाइल छीन लिया और उसे थप्पड़ मारे.
वर्तमान स्थिति
पुलिस की छापेमारी के बाद गांव में दहशत का माहौल है. कई ग्रामीण घर छोड़कर फरार हो गए हैं. बिजली विभाग ने ग्रुप मीटर लगा दिए हैं और जर्जर तारों को ठीक कर दिया है. पुलिस का कहना है कि स्थिति अब नियंत्रण में है, लेकिन ग्रामीणों के आरोपों ने इस घटना को और जटिल बना दिया है. मामले की जांच जारी है, और आगे की कार्रवाई वीडियो सबूतों और गवाहों के बयानों के आधार पर होगी.