आगरा में मगरमच्छ ने गांव में मचाई दहशत. किसान के घर में घुसा

आगरा के पिनाहट क्षेत्र के प्रजापुरा गांव में एक मगरमच्छ के किसान के घर के बाहर पहुंचने से हड़कंप मच गया. चंबल नदी से रास्ता भटककर दो किलोमीटर दूर गांव तक पहुंचा यह मगरमच्छ सुबह-सुबह किसान के दरवाजे पर दिखा. ग्रामीणों में अफरा-तफरी मच गई और वन विभाग की टीम को सूचना दी गई. करीब एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद वन विभाग ने मगरमच्छ को पकड़ा और उसे सुरक्षित चंबल नदी में छोड़ दिया.

गांव में मगरमच्छ का आगमन
प्रजापुरा गांव के किसान जल सिंह ने बताया कि उनका गांव चंबल नदी से लगभग दो किलोमीटर दूर है. सुबह जब वह सोकर उठे तो अपने घर के दरवाजे पर एक मगरमच्छ को बैठा देखकर दंग रह गए. मगरमच्छ को देखते ही उनके परिवार ने शोर मचाया, जिससे आसपास के ग्रामीण भी इकट्ठा हो गए. मगरमच्छ की मौजूदगी से गांव में डर का माहौल बन गया. किसी ने हिम्मत करके वन विभाग को सूचना दी. सूचना मिलते ही वन विभाग की एक टीम तुरंत मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया.

रेस्क्यू ऑपरेशन की चुनौती
मगरमच्छ को पकड़ना आसान नहीं था. वन विभाग की टीम को करीब एक घंटे तक कड़ी मेहनत करनी पड़ी. रेंजर कुलदीप सहाय पंकज ने बताया कि बारिश के मौसम में मगरमच्छ अक्सर नदी से बाहर निकल आते हैं और रास्ता भटककर गांवों तक पहुंच जाते हैं. इस मगरमच्छ ने भी चंबल नदी से निकलकर प्रजापुरा गांव का रास्ता पकड़ लिया था. टीम ने सावधानीपूर्वक मगरमच्छ को काबू में किया और उसे सुरक्षित तरीके से पकड़ लिया. इसके बाद मगरमच्छ को वापस चंबल नदी में ले जाकर छोड़ दिया गया, जहां वह अपने प्राकृतिक आवास में लौट गया.

ग्रामीणों में राहत की सांस
मगरमच्छ के पकड़े जाने के बाद गांव वालों ने राहत की सांस ली. जल सिंह ने बताया कि मगरमच्छ को देखकर उनके परिवार और पड़ोसियों में डर फैल गया था. ग्रामीणों को आशंका थी कि मगरमच्छ हमला कर सकता है. वन विभाग की त्वरित कार्रवाई से स्थिति नियंत्रण में आई. रेंजर ने बताया कि बारिश के मौसम में ऐसी घटनाएं बढ़ जाती हैं, क्योंकि नदी का जलस्तर बढ़ने से मगरमच्छ किनारे की ओर आ जाते हैं. उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि ऐसी स्थिति में घबराए बिना तुरंत वन विभाग को सूचित करें.

वन विभाग की सतर्कता
वन विभाग ने ग्रामीणों को सलाह दी है कि चंबल नदी के आसपास के क्षेत्रों में सतर्क रहें. बारिश के मौसम में मगरमच्छों के गांवों की ओर आने की संभावना रहती है. विभाग ने यह भी सुनिश्चित किया कि मगरमच्छ को कोई नुकसान न पहुंचे और उसे सुरक्षित उसके प्राकृतिक आवास में वापस पहुंचाया जाए. इस घटना ने क्षेत्र में सनसनी फैला दी, लेकिन वन विभाग की सक्रियता से बड़ा हादसा टल गया.

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