आगरा के खंदौली में एक खाद कारोबारी के घर हुई चोरी की जांच में पुलिस ने अजीब रवैया अपनाया. जांच के लिए पहुंचे दरोगा ने पीड़ित से मकान का बैनामा और सामान के बीमे की जानकारी मांगी, जिससे कारोबारी हैरान रह गया. पांच दिन बाद भी चोरी का कोई सुराग नहीं लगा. नाराज कारोबारी ने डीसीपी पश्चिमी जोन से शिकायत की, जिसके बाद मामले की जांच के लिए एसओजी को लगाया गया है.
चोरी की घटना
खंदौली के राधा-कृष्ण धाम कॉलोनी, रामनगर में खाद कारोबारी विपिन शर्मा का मकान है. विपिन की रुनकता में खाद की फैक्टरी है, जबकि उनके पिता जयप्रकाश शर्मा गांव में रहते हैं. यह मकान खंदौली इंटरचेंज के पास है, जहां घरेलू सामान रखा था. बुधवार शाम जयप्रकाश मकान पर पहुंचे तो खिड़कियां टूटी मिलीं और चोरी का पता चला. उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने अगले दिन चोरी का मुकदमा दर्ज किया, लेकिन पांच दिन बीत जाने के बाद भी कोई प्रगति नहीं हुई.
पुलिस की अजीब मांग
विपिन ने आरोप लगाया कि जांच के लिए आए दरोगा ने मकान का बैनामा मांग लिया. पूछने पर दरोगा ने कहा कि चोरी की जांच में इसकी जरूरत होती है. इसके अलावा, सामान का बीमा होने और मकान की खरीदारी के बारे में सवाल किए गए, जैसे कि मकान कैश में खरीदा था या उधारी पर. विपिन ने बताया कि इंस्पेक्टर खंदौली को भी इसकी जानकारी थी, लेकिन वह मौके पर नहीं आए, जबकि उनका निजी आवास मकान से सिर्फ 50 मीटर दूर है. पुलिस का यह रवैया देखकर विपिन ने डीसीपी पश्चिमी जोन अतुल शर्मा से शिकायत की.
डीसीपी का हस्तक्षेप
विपिन ने डीसीपी से मिलकर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि चोरी की जांच के बजाय पुलिस मकान के बैनामे और प्रॉपर्टी डीलर से विवाद जैसे अप्रासंगिक सवाल पूछ रही है. डीसीपी ने मामले को गंभीरता से लिया और चोरी के खुलासे के लिए विशेष निगरानी दल (एसओजी) को जांच सौंपी. डीसीपी अतुल शर्मा ने बताया कि यदि पुलिस ने बैनामा मांगा है तो इसकी जांच की जाएगी. उन्होंने आश्वासन दिया कि चोरी के मामले में जल्द कार्रवाई होगी और दोषियों को पकड़ा जाएगा.
पुलिस की जवाबदेही पर सवाल
यह घटना पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है. चोरी जैसे गंभीर मामले में पीड़ित से मकान के दस्तावेज मांगना और जांच में देरी से लोगों का भरोसा डगमगाता है. विपिन ने कहा कि पुलिस को चोरों को पकड़ने पर ध्यान देना चाहिए, न कि पीड़ित को परेशान करने पर. इस मामले ने स्थानीय लोगों में चर्चा छेड़ दी है, और पुलिस से उम्मीद की जा रही है कि वह निष्पक्ष और तेजी से जांच करेगी. एसओजी की तैनाती से अब मामले में प्रगति की उम्मीद बढ़ी है.