शिकोहाबाद में दिल दहलाने वाली त्रासदी: कुएं में जहरीली गैस और देरी से बचाव ने छीनी तीन जिंदगियां

शिकोहाबाद के नगला पोहपी में एक दर्दनाक हादसे में एक चाचा और उनके दो भतीजों की कुएं में जहरीली गैस के कारण मौत हो गई। तीनों एक गिरा हुआ मोबाइल निकालने के लिए कुएं में उतरे थे। बचाव कार्य में देरी और खराब उपकरणों ने ग्रामीणों का गुस्सा भड़का दिया।

क्या हुआ था?

दोपहर करीब 1:00 बजे एक मोबाइल फोन कुएं में गिर गया। सबसे पहले ध्रुव कुमार करीब 1:10 बजे उसे निकालने के लिए कुएं में उतरे, लेकिन जहरीली गैस के कारण बेहोश हो गए। चिंतित होकर उनके चचेरे भाई अजय कुमार 1:30 बजे कुएं में उतरे, और फिर उनके चाचा चंद्रवीर 1:50 बजे नीचे गए। दुखद रूप से, तीनों जहरीली गैस की चपेट में आकर बेहोश हो गए।

ग्रामीण 2:00 बजे तक मौके पर पहुंचे और स्थानीय प्रशासन को सूचित किया। प्रशासनिक अधिकारी और दमकल विभाग 2:10 बजे तक पहुंच गए, लेकिन बचाव कार्य में गंभीर देरी और खामियों ने स्थिति को और बिगाड़ दिया।

बचाव कार्य में लापरवाही

दमकल विभाग की टीम, जिसका नेतृत्व बृजेश कुमार कर रहे थे, एक खराब ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर पहुंची, जिसमें से गैस लीक होने लगी। एडीएम विशु राजा, एसडीएम डॉ. गजेंद्रपाल सिंह और दमकल कर्मियों ने सिलेंडर ठीक करने की कोशिश की, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। दूसरा सिलेंडर लाने में एक घंटे से ज्यादा समय लग गया, जिससे बचाव कार्य में करीब दो घंटे की देरी हुई।

ग्रामीणों का गुस्सा तब भड़क उठा जब उन्होंने प्रशासन की लापरवाही देखी। सीओ प्रवीण तिवारी और इंस्पेक्टर अनुज राणा ने माइक के जरिए भीड़ को शांत करने की कोशिश की। बचाव कार्य तब शुरू हुआ जब फायर सेफ्टी ऑफिसर सतेंद्र पांडेय 2:39 बजे एक काम करने वाला सिलेंडर लेकर पहुंचे। कुल मिलाकर, बचाव में दस ऑक्सीजन सिलेंडर इस्तेमाल किए गए।

चंद्रवीर का शव 3:30 बजे, अजय का शव 4:00 बजे और ध्रुव का शव 5:10 बजे कुएं से निकाला गया।

परिवार का दर्द

हादसे के बाद अजय की मां अरना देवी, पत्नी पिंकी देवी और उनके बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल था। अरना बार-बार बेहोश हो रही थीं। ग्रामीण महिलाओं ने भी प्रशासन और दमकल विभाग की देरी पर जमकर नाराजगी जताई।

ऑक्सीजन की कमी का पता

प्रशासन ने कुएं में ऑक्सीजन का स्तर जांचने के लिए एक मोमबत्ती नीचे भेजी, जो 10 फीट नीचे जाते ही बुझ गई। इसके बाद दमकल कर्मी सिलेंडर के साथ कुएं में उतरे। चंद्रवीर को बाहर निकालने के बाद पहले कर्मी की तबीयत बिगड़ गई। दूसरे कर्मी ने ध्रुव को निकाला, लेकिन उनकी भी हालत खराब हो गई। अंत में अजय को बाहर निकाला गया।

समयरेखा

  • 1:00 बजे: मोबाइल कुआं में गिरा
  • 1:10 बजे: ध्रुव कुआं में उतरे
  • 1:30 बजे: अजय कुआं में उतरे
  • 1:50 बजे: चंद्रवीर कुआं में उतरे
  • 2:00 बजे: ग्रामीण मौके पर पहुंचे
  • 2:10 बजे: प्रशासन और दमकल टीम पहुंची
  • 2:20 बजे: ऑक्सीजन सिलेंडर के लीक होने की जानकारी
  • 2:39 बजे: सतेंद्र पांडेय दूसरा सिलेंडर लेकर पहुंचे
  • 3:30 बजे: चंद्रवीर का शव निकाला गया
  • 4:00 बजे: अजय का शव निकाला गया
  • 5:10 बजे: ध्रुव का शव निकाला गया

यह हादसा प्रशासनिक लापरवाही और संसाधनों की कमी की दुखद मिसाल बन गया, जिसने तीन परिवारों को असहनीय दर्द दिया।

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