उत्तर प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जुलाई 2025 में वृक्षारोपण महाभियान शुरू करने जा रही है। इस अभियान का लक्ष्य एक दिन में 35 करोड़ पौधे रोपकर विश्व रिकॉर्ड बनाना है। यह संख्या राज्य की आबादी से भी अधिक है। यह पहल केवल सरकारी कार्यक्रम नहीं बल्कि जनसहभागिता आधारित पर्यावरणीय यज्ञ है। अभियान को भावनात्मक थीम ‘एक पेड़ माँ के नाम’ से जोड़ा गया है। हर नवजात शिशु के लिए ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट देकर पौधों के साथ भावनात्मक जुड़ाव स्थापित किया जाएगा। यह कदम पर्यावरण संरक्षण को दीर्घकालिक लक्ष्य बनाएगा।
विभागों की जिम्मेदारी और तैयारी
वृक्षारोपण के लिए व्यापक चल रही हैं। वन विभाग को 12 करोड़ 60 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य दिया गया है। शेष 22 करोड़ 40 लाख पौधे पंचायती राज, ग्रामीण विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, नगर विकास, कृषि, उद्यान और अन्य विभाग मिलकर रोपेंगे। पौधों की आपूर्ति के लिए 1901 वन विभाग पौधशालाएँ, 146 उद्यान विभाग पौधशालाएँ, 55 रेशम विभाग और 484 निजी पौधशालाएँ जिम्मेदारी लेंगी। नोडल अधिकारियों की नियुक्ति से समन्वय सुनिश्चित किया गया है।
पौधारोपण के लिए चयनित स्थान
पौधे स्कूलों, मेडिकल कॉलेजों, अस्पतालों, गौ-आश्रय स्थलों, नदी और तालाब किनारों, गाँवों के सचिवालयों, कृषि विज्ञान केंद्रों, पंचायत भवनों और एक्सप्रेसवे किनारों पर रोपे जाएँगे। फलदार वृक्ष जैसे आम, जामुन और इमली को प्राथमिकता दी जाएगी। यह कदम पर्यावरण के साथ स्थानीय समुदायों को लाभ पहुँचाएगा।
निगरानी और जागरूकता की व्यवस्था
पौधों की देखभाल के लिए जियो-टैगिंग, फेंसिंग और ट्रैकिंग सिस्टम लागू किया जाएगा। जागरूकता के लिए नुक्कड़ नाटक, प्रभात फेरी, चित्रकला और वाद-विवाद प्रतियोगिताएँ आयोजित होंगी। पीएम किसान सम्मान निधि लाभार्थियों से कम से कम एक पौधा लगाने की अपील की गई है। प्रोजेक्ट अलंकार से जुड़े स्कूलों में विशेष कार्यक्रम होंगे।
पिछले प्रदर्शन और प्रभाव
योगी सरकार का दावा है कि 2017 से 2024 तक 204.92 करोड़ पौधे रोपे गए। इससे 3 लाख एकड़ में हरित आवरण बढ़ा। देहरादून की वन सर्वेक्षण रिपोर्ट ने इसकी पुष्टि की है। यह अभियान उत्तर प्रदेश को हीटवेव से ग्रीनवेव की ओर ले जाएगा। यह पर्यावरण संरक्षण और नागरिक जिम्मेदारी का अनूठा उदाहरण बनेगा।