फिरोजाबाद का कांच और हस्तशिल्प उद्योग, जो अपनी चूड़ियों और कांच के सामानों के लिए विश्व प्रसिद्ध है, एक बार फिर संकट में है। नेचुरल गैस की कीमतों में प्रति घनमीटर डेढ़ से दो रुपये की बढ़ोतरी ने कांच कारोबारियों की चिंता बढ़ा दी है। यह बढ़ोतरी 1 जुलाई 2025 से लागू हो गई है, जिसके चलते गैस की कीमत 33 रुपये से बढ़कर 34.50 से 35 रुपये प्रति घनमीटर हो गई है। इस वृद्धि से कांच उद्यमियों को घरेलू और निर्यात ऑर्डरों को पूरा करने में लाखों रुपये का नुकसान होने की आशंका है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ईरान और इस्राइल के बीच तनाव को इस मूल्य वृद्धि का कारण बताया जा रहा है, जिसका असर अब फिरोजाबाद के कांच उद्योग पर साफ दिखाई दे रहा है।नेचुरल गैस की बढ़ी कीमतों का असर:
फिरोजाबाद में कांच और हस्तशिल्प उद्योग नेचुरल गैस पर निर्भर है, क्योंकि यह कारखानों में ईंधन के रूप में इस्तेमाल होती है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में नेचुरल गैस की कीमतों में प्रति थर्मल यूनिट 24 डॉलर की बढ़ोतरी की घोषणा ने स्थानीय उद्योग को झटका दिया है। जुलाई 2025 से लागू नई दरों के तहत गैस की कीमत 34.50 से 35 रुपये प्रति घनमीटर हो गई है, जबकि पहले यह 33 रुपये प्रति घनमीटर थी। कांच कारोबारियों का कहना है कि इस बढ़ोतरी से उत्पादन लागत में भारी इजाफा होगा, जिससे पुराने ऑर्डरों को तय कीमतों पर पूरा करना मुश्किल हो जाएगा।उद्यमियों की चिंता:
कांच उद्यमियों और हस्तशिल्पियों का कहना है कि नेचुरल गैस की कीमतों में यह अप्रत्याशित वृद्धि उनके कारोबार को गहरी चोट पहुंचाएगी। फिरोजाबाद का कांच उद्योग पहले से ही कच्चे माल की बढ़ती कीमतों और बाजार में प्रतिस्पर्धा जैसे मुद्दों से जूझ रहा है। अब गैस की कीमतों में हुई बढ़ोतरी ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। उद्यमियों का अनुमान है कि घरेलू बाजारों और निर्यात के लिए पहले से लिए गए ऑर्डरों को पूरा करने में उन्हें लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ सकता है। इससे न केवल कारोबार प्रभावित होगा, बल्कि उद्योग से जुड़े हजारों मजदूरों और कारीगरों की आजीविका पर भी खतरा मंडरा रहा है।अंतरराष्ट्रीय तनाव का असर:
कांच कारोबारियों के अनुसार, ईरान और इस्राइल के बीच हाल के तनाव ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में नेचुरल गैस की कीमतों को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है। इस तनाव के कारण गैस की आपूर्ति और कीमतों पर असर पड़ा है, जिसका खामियाजा फिरोजाबाद जैसे औद्योगिक केंद्रों को भुगतना पड़ रहा है। स्थानीय उद्यमी इस बात से चिंतित हैं कि अगर गैस की कीमतें और बढ़ीं, तो उनका कारोबार और अधिक प्रभावित होगा, जिससे निर्यात बाजार में उनकी प्रतिस्पर्धी क्षमता कमजोर पड़ सकती है।उद्योग पर व्यापक प्रभाव:
फिरोजाबाद का कांच उद्योग न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा है, बल्कि यह देश के हस्तशिल्प और निर्यात क्षेत्र में भी अहम योगदान देता है। चूड़ियां, ग्लासवेयर, और अन्य कांच उत्पादों के लिए मशहूर यह शहर अब बढ़ती लागत के कारण मुश्किल में है। उद्यमियों का कहना है कि अगर सरकार या प्रशासन इस दिशा में कोई राहत पैकेज या सब्सिडी नहीं देता, तो कई छोटे कारखाने बंद होने की कगार पर आ सकते हैं। इससे न केवल उद्यमियों, बल्कि हजारों कारीगरों और मजदूरों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो सकता है।आगे की राह:
कांच उद्यमी सरकार से मांग कर रहे हैं कि गैस की कीमतों में बढ़ोतरी के प्रभाव को कम करने के लिए विशेष आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। साथ ही, वे चाहते हैं कि प्रशासन इस मुद्दे पर ध्यान दे और उद्योग को बचाने के लिए ठोस कदम उठाए। फिरोजाबाद के कांच उद्योग को बचाने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है, ताकि यह ऐतिहासिक उद्योग अपनी चमक बरकरार रख सके।
फिरोजाबाद में कांच उद्योग पर संकट: नेचुरल गैस दो रुपये महंगी, उद्यमियों को लाखों के नुकसान का डर
