उत्तर प्रदेश में 2026 में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) का गठबंधन टूटने के आसार हैं। कांग्रेस ने संकेत दिए हैं कि वह इन चुनावों में अकेले उतरेगी। पार्टी ने संगठन को मजबूत करने और जनहित के मुद्दों को लेकर सड़कों पर उतरने की रणनीति बनाई है। इसके लिए सभी जिलों में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित करने की तैयारी शुरू हो चुकी है।
कांग्रेस की रणनीति
- संगठनात्मक ढांचा: कांग्रेस ने 133 जिला और शहर अध्यक्षों की घोषणा कर दी है। करीब 40 जिला और शहर कार्यकारिणी की घोषणा हो चुकी है, बाकी जल्द पूरी होगी।
- शपथ ग्रहण समारोह: 3 से 7 जुलाई के बीच जिला और शहर कार्यकारिणी के शपथ ग्रहण समारोह होंगे, जिसमें सांसद, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक और वरिष्ठ नेता शामिल होंगे।
- कमेटी गठन: समारोह के बाद विधानसभा क्षेत्र और ब्लॉक स्तरीय कमेटियां बनेंगी। 15 अगस्त तक सभी बूथ कमेटियों का गठन पूरा करने का लक्ष्य है।
- जनहित मुद्दे: पार्टी जनहित के मुद्दों पर प्रदर्शन कर माहौल बनाने की कोशिश में है।
आजाद समाज पार्टी की तैयारी
आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) भी पंचायत चुनाव में मजबूती से उतरने की तैयारी कर रही है। मंगलवार को लखनऊ के इंदिरानगर स्थित प्रदेश कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष सुनील कुमार चित्तौड़ ने बैठक की। उन्होंने निर्देश दिए कि:
- वार्ड स्तर तक संगठन को मजबूत किया जाए।
- प्रबुद्धजनों को पार्टी से जोड़ा जाए और भाईचारा कमेटियों का गठन हो।
- कार्यकर्ताओं को अनावश्यक बयानबाजी से बचने की सलाह दी गई, खासकर प्रयागराज जैसी घटनाओं पर।