आगरा के छावनी इलाके में गर्मी से राहत देने के लिए लगाई गईं वाटर एटीएम मशीनें अब कबाड़ में तब्दील हो चुकी हैं। करीब 2.25 करोड़ रुपये की लागत से लगाई गईं 18 मशीनें वर्षों से खराब पड़ी हैं। न तो इनसे ठंडा पानी मिल रहा है और न ही स्वच्छता बरती जा रही है। कुछ मशीनें तो कपड़े सुखाने और ठेले लगाने का अड्डा बन गई हैं।
योजना का हाल
छावनी परिषद ने 2017-18 में आठ वार्डों में एक रुपये में ठंडा और शुद्ध आरओ पानी देने की योजना शुरू की थी। इसके तहत प्रत्येक वार्ड में एक या दो वाटर एटीएम मशीनें लगाई गई थीं। शुरुआती कुछ महीनों तक यह योजना सफल रही और लोगों को एक रुपये में शुद्ध पानी मिला। लेकिन जल्द ही मशीनें खराब होने लगीं। अब सभी मशीनें बंद पड़ी हैं। सदर क्षेत्र की एक मशीन कुछ समय पहले तक काम कर रही थी, लेकिन अब वह भी पूरी तरह खराब हो चुकी है।स्थानीय लोगों की परेशानी
स्थानीय निवासी विनोद ने बताया कि इन मशीनों से गरीबों को बहुत राहत मिलती थी। एक रुपये में एक लीटर ठंडा पानी उपलब्ध था। लेकिन अब भीषण गर्मी में मशीनें बंद होने से लोग महंगी बोतलबंद पानी खरीदने को मजबूर हैं। नीतू सिंह ने कहा कि मशीनें शुरू में ठीक थीं, लेकिन खराब होने के बाद परिषद ने कोई ध्यान नहीं दिया। कई बार शिकायत की, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। अब ये मशीनें सिर्फ शोपीस बनकर रह गई हैं।
मशीनों का दुरुपयोग
कई जगहों पर वाटर एटीएम का दुरुपयोग हो रहा है। वार्ड नंबर 3 में एक मशीन पर लोग कपड़े सुखा रहे हैं। कुछ स्थानों पर मशीनों के सामने ठेले और फूड स्टॉल लग गए हैं। यह स्थिति योजना की विफलता और रखरखाव की कमी को दर्शाती है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
मनोनीत सदस्य राजेश गोयल ने बताया कि छावनी परिषद की बैठक में इस मुद्दे को उठाया गया है। जल्द ही समाधान के लिए कदम उठाए जाएंगे। सीईओ दीपक मोहन ने कहा कि मशीनों की स्थिति की जांच कराई जाएगी। सभी वार्डों में निरीक्षण के बाद मशीनों को ठीक करने का काम शुरू किया जाएगा।