उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर नौकरशाही पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारी उनके निर्देशों का पालन नहीं कर रहे, नीतियों को ताक पर रखकर मनमाने फैसले ले रहे हैं, और कुछ लोगों को अनुचित लाभ देने के लिए फाइलें डंप कर रहे हैं।
आरोपों का विवरण
- फाइलें गायब: नंदी ने बताया कि दो साल से कई महत्वपूर्ण फाइलें बार-बार मांगने के बावजूद नहीं दी गईं। पिछले साल 7 अक्टूबर को उन्होंने ऐसी फाइलों की सूची सीएम कार्यालय को भेजी थी, और 29 अक्टूबर को एक हफ्ते में फाइलें पेश करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन छह महीने बाद भी फाइलें लापता हैं।
- नियमों का उल्लंघन: कुछ मामलों में अधिकारियों ने नियमों के खिलाफ जाकर प्रस्ताव पारित किए, जिससे चुनिंदा लोगों को फायदा पहुंचाया गया। एक मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद एक वरिष्ठ अधिकारी को हटा दिया गया।
- मनमानी और पक्षपात: एक जैसी परिस्थितियों में कुछ लोगों को लाभ दिया गया, जबकि अन्य के केस खारिज कर दिए गए। विभाग में कामकाज के बंटवारे की फाइल भी तीन साल से गायब है।
कार्रवाई की मांग
मंत्री ने पत्र में अनियमितताओं की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। सीएम ने मामले की पूरी रिपोर्ट तलब की है, और सूत्रों के अनुसार, वरिष्ठ अधिकारी जवाब तैयार कर रहे हैं। नंदी ने कहा कि अफसरशाही उनके काम में अड़ंगा डाल रही है और नियमों की अनदेखी कर रही है।
पृष्ठभूमि
नंदी ने अपने पत्र में यह भी जिक्र किया कि विभाग में तैनात एक पूर्व अधिकारी ने बताया कि वरिष्ठ अधिकारियों ने फाइलें देने से मना किया था। इससे साफ है कि नौकरशाही के स्तर पर गंभीर अनियमितताएं हो रही हैं, जिन्हें उजागर करने की जरूरत है।
आगे की कार्रवाई
- उच्चस्तरीय जांच: सीएम ने मामले की जांच के निर्देश दिए हैं, और अधिकारियों से जवाब मांगा गया है।
- फाइलों की तलाश: लापता फाइलों को ढूंढने और उनके गायब होने के कारणों की जांच होगी।
- निष्पक्षता की मांग: मंत्री ने नियमों के अनुरूप कामकाज और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की मांग की है।
अपील
यह मामला नौकरशाही में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी को उजागर करता है। नागरिकों और संबंधित पक्षों से अनुरोध है कि वे इस तरह की अनियमितताओं की जानकारी प्रशासन तक पहुंचाएं ताकि सुधारात्मक कदम उठाए जा सकें।