- स्वास्थ्य विभाग की जांच में 18 चिकित्सीय संस्थानों में गंभीर खामियां, ICU में स्पेशलिस्ट नहीं
- फायर, पॉल्यूशन, बायोमेडिकल वेस्ट एनओसी का अभाव, तय से ज्यादा बेड की शिकायत
- 2030 तक के लिए रिन्युअल प्रक्रिया, 50 संस्थानों का हो चुका नवीनीकरण, शपथपत्र और नोटिस जारी
आगरा में स्वास्थ्य विभाग की सख्ती के चलते 18 अस्पतालों और पैथोलॉजी लैब के लाइसेंस रिन्युअल पर 3 जून 2025 को रोक लगा दी गई। जांच में इन संस्थानों में अधूरी एनओसी, लैब में डॉक्टर्स की अनुपस्थिति, और अन्य गंभीर खामियां पाई गईं। सीएमओ प्रभारी डॉ. अमित रावत ने बताया कि अब संबंधित डॉक्टर्स का सत्यापन और शपथपत्र लिया जा रहा है। फायर विभाग, पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, और बायोमेडिकल वेस्ट निस्तारण की एनओसी न होने वाले संस्थानों को नोटिस जारी कर कमियां पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं। पिछले साल आगरा में 1317 चिकित्सीय संस्थान रजिस्टर्ड थे, जिनमें 537 अस्पताल, 523 क्लीनिक, 149 पैथोलॉजी लैब, और 108 डायग्नोस्टिक सेंटर शामिल हैं। अब 2030 तक के लिए रिन्युअल प्रक्रिया चल रही है, जिसमें अब तक 50 संस्थानों का नवीनीकरण हो चुका है।
जांच में सामने आईं खामियां
स्वास्थ्य विभाग की जांच में 18 अस्पतालों और लैब में कई अनियमितताएं उजागर हुईं। कई संस्थानों में फायर विभाग, पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, और बायोमेडिकल वेस्ट निस्तारण की एनओसी अधूरी थीं। ICU में स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स की कमी पाई गई, और पैथोलॉजी लैब में डॉक्टर्स मौजूद नहीं थे। पूछताछ पर बताया गया कि डॉक्टर्स बाहर गए हैं। पैरामेडिकल स्टाफ के अनुभव प्रमाणपत्र और चिकित्सीय सर्टिफिकेट भी कई जगह गायब थे। कुछ अस्पतालों में स्वीकृत संख्या से अधिक बेड पाए गए, जो नियमों का उल्लंघन है।
स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई
सीएमओ प्रभारी डॉ. अमित रावत ने बताया कि जिन लैब और अस्पतालों में डॉक्टर्स नहीं मिले, उनके सत्यापन के लिए शपथपत्र मांगे जा रहे हैं। अधूरी एनओसी वाले संस्थानों को नोटिस जारी कर कमियां पूरी करने का समय दिया गया है। केवल पूरी तरह अनुपालन के बाद ही रिन्युअल होगा। यह प्रक्रिया अब हर साल के बजाय 2030 तक के लिए की जा रही है, जिससे दीर्घकालिक अनुपालन सुनिश्चित हो। पिछले साल के 1317 रजिस्टर्ड संस्थानों में से अब तक 50 का रिन्युअल हो चुका है।