भौतिक सत्यापन में सामने आईं गड़बड़ियां
आगरा के स्वास्थ्य विभाग ने 52 अस्पतालों और डायग्नोस्टिक लैब के लाइसेंस निलंबित कर दिए हैं। भौतिक सत्यापन के दौरान कई गंभीर अनियमितताएं पाई गईं। इनमें बिना अनुमति बेड की संख्या में वृद्धि, प्रशिक्षित कर्मचारियों की कमी और गहन चिकित्सा इकाइयों में अपर्याप्त जीवन रक्षक उपकरण शामिल हैं।
स्वास्थ्य विभाग वर्तमान में पंजीकृत चिकित्सा सुविधाओं के लाइसेंस नवीनीकरण का कार्य कर रहा है। पिछले साल आगरा में 487 अस्पताल, 150 पैथोलॉजी लैब, 492 क्लीनिक, 85 डेंटल क्लीनिक और 103 डायग्नोस्टिक सेंटर पंजीकृत थे। इनका पांच साल के लिए नवीनीकरण होना है। नवीनीकरण से पहले भौतिक सत्यापन किया जा रहा है। इस प्रक्रिया में कई खामियां सामने आईं। कई अस्पतालों ने बिना अनुमति के बेड की संख्या डेढ़ गुना बढ़ा दी थी। पैथोलॉजी लैब में प्रशिक्षित पैरामेडिकल कर्मचारी और डॉक्टर नहीं थे। इसके अलावा, कुछ गहन चिकित्सा इकाइयों में जीवन रक्षक उपकरण निम्न गुणवत्ता के या अस्थायी रूप से उपयोग में पाए गए।
अन्य अनियमितताओं में चिकित्सा कचरे का अनुचित निपटान शामिल था, जो निर्दिष्ट डिब्बों के बजाय कोनों में जमा पाया गया। कई सुविधाओं में मरीजों के भर्ती और डिस्चार्ज का रिकॉर्ड नहीं था। नुस्खों पर डॉक्टर का नाम और योग्यता की जानकारी अनुपस्थित थी। मरीजों को बिल नहीं दिए जा रहे थे। कई अस्पतालों में अवैध रूप से मेडिकल स्टोर संचालित हो रहे थे। पैथोलॉजी लैब में जांच करने वाले कर्मचारियों के पास आवश्यक शैक्षणिक योग्यता नहीं थी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि 1317 नवीनीकरण आवेदनों में से 450 को मंजूरी दे दी गई है। जिन 52 अस्पताल-लैब की सुविधाओं में खामियां पाई गईं, उन्हें सुधार के लिए नोटिस जारी किए गए हैं। जब तक सुधार नहीं हो जाते, उनके लाइसेंस निलंबित रहेंगे।