आगरा में बारिश के बीच सड़कों की खुदाई ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। नगर निगम ने 27 जून को मानसून के दौरान 30 सितंबर तक सड़क खुदाई पर रोक लगा दी थी और पहले दी गई अनुमतियों को भी रद्द कर दिया था। इसके बावजूद जलनिगम और दूरसंचार कंपनियां गैलाना, महर्षिपुरम, खंदारी, दयालबाग और नगला बूढ़ी में सड़कों को खोद रही हैं। इससे जलभराव और गड्ढों के कारण वाहन फंस रहे हैं और लोगों की जान को खतरा बढ़ गया है।
जलनिगम की लापरवाही
जलनिगम ने गर्मियों में गंगाजल की पाइपलाइन बिछाने का काम पूरा नहीं किया। अब बारिश में महर्षिपुरम और गैलाना में गलियों में चार से छह फुट गहरे गड्ढे खोदे जा रहे हैं। इन गड्ढों ने लोगों का घरों से निकलना मुश्किल कर दिया है। बारिश के कारण गलियों में पानी भरने से गड्ढे जानलेवा बन गए हैं। महर्षिपुरम में अब तक 30 से अधिक कारें इन गड्ढों में फंस चुकी हैं। स्कूटी सवार भी इनमें गिरकर चोटिल हो रहे हैं।
छीपीटोला में सड़क धंसी
बुधवार सुबह छीपीटोला में सीवर मैनहोल के पास 15 फुट तक सड़क धंस गई। इससे मुख्य सड़क पर यातायात बाधित हुआ और दूसरी लेन पर वाहनों की रफ्तार रेंगने लगी। एमजी रोड पर मेट्रो कार्य के कारण ज्यादातर वाहन इसी रास्ते से गुजर रहे थे, लेकिन सड़क धंसने से जाम जैसे हालात रहे। वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
स्थानीय लोगों की शिकायत
महर्षिपुरम निवासी हरेंद्र यादव ने बताया कि जलनिगम की खुदाई से सड़कों पर मिट्टी फैल गई है, जिससे दलदल बन गया है। रोजाना 5 से 10 कारें गड्ढों में फंस रही हैं, जिससे हजारों रुपये का नुकसान हो रहा है। कई स्कूटी सवार भी चोटिल हुए हैं। पूर्व पार्षद मुकेश यादव ने कहा कि गड्ढों में मिट्टी नहीं भरी जा रही, जिससे बारिश में जलभराव के कारण गड्ढे दिखाई नहीं देते। कई वाहनों को क्रेन से निकालना पड़ा है।
नगर निगम का रुख
नगर निगम के चीफ इंजीनियर बीएल गुप्ता ने कहा कि मानसून में सड़क खुदाई पर पूरी तरह रोक है। केवल आपातकालीन कार्यों के लिए अनुमति दी जा सकती है। पूर्व में दी गई अनुमतियां रद्द कर दी गई हैं। जो विभाग या कंपनियां नियम तोड़कर खुदाई कर रही हैं, उन्हें तुरंत रोकना होगा, अन्यथा जुर्माना लगाया जाएगा।