“आगरा में एमएसएमई कॉन्क्लेव: जूता उद्योग को मिलेगा नया जोश, निर्यात और तकनीक पर होगी बड़ी चर्चा”

आगरा, जो भारत के जूता और चमड़ा उद्योग का एक प्रमुख केंद्र है, एक बार फिर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए आयोजित होने वाले एक महत्वपूर्ण कॉन्क्लेव की मेजबानी करने जा रहा है। 13 जुलाई 2025 से शुरू होने वाले इस एमएसएमई कॉन्क्लेव का उद्देश्य आगरा के जूता कारोबार को वैश्विक स्तर पर नई ऊंचाइयों तक ले जाना है। इस आयोजन में वित्तीय समावेशन, ब्रांडिंग, तकनीकी उन्नयन, निर्यात विस्तार और सतत विकास जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी। शुक्रवार (11 जुलाई 2025) को होटल आईटीसी मुगल में इस कॉन्क्लेव की औपचारिक घोषणा की गई, जिसने उद्यमियों और कारोबारियों में उत्साह भर दिया है।

कॉन्क्लेव का आयोजन और उद्देश्य:

यह एमएसएमई कॉन्क्लेव आगरा फुटवियर मैन्युफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्टर्स चेंबर (एएफएमईसी) और कॉर्पोरेट काउंसिल फॉर लीडरशिप एंड अवेयरनेस (सीसीएलए) के संयुक्त सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। यह कार्यक्रम फुटवियर एवं चमड़ा उद्योग विकास परिषद, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, और भारत सरकार के तत्वावधान में होटल जेपी पैलेस एंड कन्वेंशन सेंटर में 13 जुलाई को होगा।

फुटवियर एवं चमड़ा उद्योग विकास परिषद के चेयरमैन पूरन डावर ने बताया कि इस कॉन्क्लेव का मुख्य उद्देश्य जूता और चमड़ा उद्योग को नई दिशा देना है। इसमें देश भर के एमएसएमई उद्यमियों के लिए नवाचार, सतत विकास, वैश्विक प्रतिस्पर्धा, निर्यात विस्तार, वित्तीय समावेशन, ब्रांडिंग और तकनीकी उन्नयन जैसे विषयों पर गहन चर्चा होगी। यह आयोजन आगरा के जूता कारोबार को वैश्विक बाजार में और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

आगरा के जूता कारोबार का महत्व और लक्ष्य:

पूरन डावर ने बताया कि वर्तमान में भारत का जूता कारोबार 25 बिलियन डॉलर का है, जिसमें 5.8 बिलियन डॉलर का निर्यात और 19 बिलियन डॉलर का घरेलू व्यापार शामिल है। आगरा इस उद्योग का एक प्रमुख केंद्र है, और इस कॉन्क्लेव का फोकस आगरा के जूता कारोबार को और बढ़ावा देना है। सरकार और उद्योग ने मिलकर 2030 तक इस कारोबार को 50 बिलियन डॉलर तक ले जाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है, जिसमें 14 बिलियन डॉलर का निर्यात और 36 बिलियन डॉलर का घरेलू व्यापार शामिल होगा।

इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए तकनीकी उन्नयन, ब्रांडिंग और वैश्विक बाजारों में पहुंच को बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। कॉन्क्लेव में इन विषयों पर विशेषज्ञों और उद्यमियों के बीच विचार-विमर्श होगा, ताकि आगरा के जूता उद्योग को नई ऊर्जा और दिशा मिल सके।

मुक्त व्यापार समझौतों का प्रभाव:

पूरन डावर ने बताया कि भारत तेजी से मुक्त व्यापार की ओर बढ़ रहा है। हाल ही में भारत ने ऑस्ट्रेलिया, यूनाइटेड किंगडम (यूके), और ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौते किए हैं। जल्द ही यूरोप और अन्य देशों के साथ भी ऐसे समझौते होने की उम्मीद है। ये समझौते न केवल जूता उद्योग, बल्कि अन्य एमएसएमई क्षेत्रों के लिए भी वैश्विक बाजारों में नए अवसर खोलेंगे। इन समझौतों से आगरा के जूता निर्यातकों को अपनी पहुंच बढ़ाने और आर्थिक संबंधों को मजबूत करने में मदद मिलेगी।

कार्यक्रम में शामिल प्रमुख हस्तियां:

कॉन्क्लेव की औपचारिक घोषणा के अवसर पर होटल आईटीसी मुगल में कई प्रमुख उद्यमी और विशेषज्ञ मौजूद थे। इनमें ओपिंदर सिंह लवली, कुलदीप कोहली, दीपक मनचंदा, प्रह्लाद अग्रवाल, डॉ. सुशील गुप्ता, नितिन गोयल, डॉ. अरुण शर्मा, रिंकेश अग्रवाल, सचिन शंकर, अजय शर्मा, और बृजेश शर्मा शामिल थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. तरुण शर्मा ने किया।

आर्थिक और सामाजिक प्रभाव:

आगरा का जूता उद्योग न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हजारों परिवारों को रोजगार भी प्रदान करता है। यह कॉन्क्लेव न केवल उद्यमियों को नई तकनीकों और बाजार रणनीतियों से अवगत कराएगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा। इसके अलावा, वैश्विक व्यापार समझौतों के जरिए आगरा के जूता उद्योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलने की उम्मीद है।

आगे की राह:

यह कॉन्क्लेव आगरा के जूता और चमड़ा उद्योग के लिए एक टर्निंग पॉइंट साबित हो सकता है। तकनीकी उन्नयन और ब्रांडिंग के जरिए न केवल स्थानीय कारोबारियों को फायदा होगा, बल्कि भारत के एमएसएमई क्षेत्र को वैश्विक बाजार में और मजबूत करने में भी मदद मिलेगी। यह आयोजन सरकार, उद्योग, और उद्यमियों के बीच सहयोग को बढ़ावा देगा, जिससे आगरा का जूता उद्योग 2030 तक अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ सकेगा।

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