आगरा के फतेहाबाद थाना क्षेत्र के कसियाई गांव में खेत जोतने को लेकर दो पक्षों के बीच विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। कोर्ट के आदेश पर खेत पर कब्जा दिलाने गई पुलिस के सामने ही एक पक्ष ने पथराव शुरू कर दिया, जिसमें एक महिला घायल हो गई। पुलिसकर्मियों पर भी हमला किया गया और उनकी गाड़ी को निशाना बनाया गया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया। 12 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, और चार को शांति भंग के आरोप में जेल भेजा गया है। इस घटना ने गांव में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है।
विस्तार
आगरा के फतेहाबाद थाना क्षेत्र के कसियाई गांव में सोमवार, 14 जुलाई 2025 को खेत जोतने के विवाद ने हिंसक रूप ले लिया, जिसने पूरे गांव में दहशत फैला दी। कोर्ट के आदेश पर खेत पर कब्जा दिलाने गए एक पक्ष का विरोध करने पर दूसरा पक्ष भड़क गया, जिसके बाद दोनों पक्षों में मारपीट और पथराव शुरू हो गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति को संभालने की कोशिश की, लेकिन उग्र भीड़ ने पुलिस पर भी हमला कर दिया। पुलिस वाहन पर पथराव हुआ, और एक महिला को पत्थर लगने से चोटें आईं। अतिरिक्त पुलिस बल की मदद से स्थिति को नियंत्रित किया गया, और चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
घटना का विवरण
कसियाई गांव के निवासी परशुराम ने बताया कि कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने उन्हें उनके खेत पर कब्जा दिलाया था। सोमवार दोपहर को जब वे खेत की जुताई करने पहुंचे, तो दूसरे पक्ष के मोहर सिंह और उनके साथियों ने इसका विरोध शुरू कर दिया। विरोध जल्द ही विवाद में बदल गया, और दोनों पक्षों के बीच तीखी नोकझोंक के बाद मारपीट शुरू हो गई। परशुराम ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, और फतेहाबाद थाने की पुलिस मौके पर पहुंची।
पहले पुलिस रिस्पॉन्स व्हीकल (पीआरवी) की टीम पहुंची, लेकिन भीड़ को नियंत्रित करने में नाकाम रही। इसके बाद थाने से दो दरोगा और एक सिपाही मौके पर पहुंचे। पुलिस ने दोनों पक्षों को शांत करने की कोशिश की, लेकिन एक पक्ष ने पुलिस के साथ धक्कामुक्की और खींचतान शुरू कर दी। स्थिति तब और बिगड़ गई, जब कुछ लोगों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। पथराव में एक महिला, रेखा, घायल हो गई। हमलावरों ने पुलिस की गाड़ी पर भी पत्थर फेंके, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई।
पुलिस की कार्रवाई
पथराव और हिंसा की सूचना पर फतेहाबाद थाने से अतिरिक्त पुलिस बल मौके पर पहुंचा। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए चार लोगों—इंद्रजीत, अशोक कुमार, शीलेश, और बीपी सिंह—को शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। डीसीपी पूर्वी जोन अली अब्बास ने बताया कि मामले में 12 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, जिनमें सीलेश, जितेंद्र, सन्नी, सुभाष, यशपाल, बीपी सिंह, महावीर, जगदीश, विमला देवी, संतो देवी, मोहर सिंह, और रिंकी देवी शामिल हैं। कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है।
गांव में फैली दहशत
इस हिंसक घटना ने कसियाई गांव में दहशत का माहौल पैदा कर दिया। स्थानीय निवासियों का कहना है कि खेत के मालिकाना हक को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था, लेकिन इस तरह की हिंसा पहली बार देखी गई। पथराव और पुलिस पर हमले की घटना ने ग्रामीणों में डर का माहौल पैदा कर दिया है। कई लोग अब अपने घरों से बाहर निकलने में भी हिचक रहे हैं।
सामाजिक और प्रशासनिक प्रभाव
यह घटना आगरा में भूमि विवादों की गंभीरता को उजागर करती है। खेत के मालिकाना हक को लेकर होने वाले झगड़े अक्सर हिंसक रूप ले लेते हैं, और पुलिस के हस्तक्षेप के बावजूद स्थिति को नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है। इस मामले में पुलिस पर हमला और पथराव ने कानून-व्यवस्था की स्थिति पर भी सवाल उठाए हैं। डीसीपी अली अब्बास ने आश्वासन दिया है कि मामले की गहन जांच की जा रही है, और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
भूमि विवादों का व्यापक परिदृश्य
उत्तर प्रदेश में भूमि विवाद एक आम समस्या है, जो कई बार हिंसक झड़पों का कारण बनती है। हाल के महीनों में, इटावा, बागपत, और गयाजी जैसे क्षेत्रों में भी भूमि विवादों के कारण पथराव और मारपीट की घटनाएं सामने आई हैं। इन मामलों में अक्सर पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ता है, लेकिन कई बार भीड़ का गुस्सा पुलिस पर भी उतर जाता है। कसियाई गांव की इस घटना ने एक बार फिर प्रशासन के लिए चुनौती पेश की है कि भूमि विवादों को समय रहते सुलझाने के लिए प्रभावी तंत्र विकसित किया जाए।