आगरा के किसान मूंग की फसल बेचने के लिए परेशान हैं। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 8682 रुपये प्रति क्विंटल होने के बावजूद, मंडियों में किसानों को मात्र 6500 रुपये प्रति क्विंटल का दाम मिल रहा है। मूंग खरीद केंद्र न खुलने से नाराज किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर 72 घंटों के भीतर खरीद केंद्र नहीं खोले गए, तो वे कलेक्ट्रेट में मूंग की फसल डाल देंगे।
अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
मंगलवार को गुस्साए किसानों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिलाधिकारी के नाम एक ज्ञापन सौंपा। इसमें मूंग खरीद केंद्र खोलने में देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की गई। किसान नेता चौधरी दिलीप सिंह ने बताया कि मंडियों में व्यापारी औने-पौने दाम पर मूंग खरीद रहे हैं, जिससे किसानों को प्रति क्विंटल 2000 से 2500 रुपये का नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति किसानों के लिए आर्थिक संकट पैदा कर रही है।
पीसीयू की जगह झांसी के एफपीओ पर आपत्ति
किसानों ने मूंग खरीद में प्राइमरी कोऑपरेटिव यूनियन (पीसीयू) के बजाय झांसी के फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन (एफपीओ) को शामिल करने पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने मांग की कि बटाई पर खेती करने वाले किसानों को बिना खसरा-खतौनी के भी खरीद का लाभ दिया जाए। ज्ञापन सौंपने वालों में धीरज सिकरवार, भगवान सिंह, दाताराम लोधी, राम विहारी, राजीव ठाकुर, केशव पंडित, और बाबूलाल शामिल थे।
किसानों की मांगें
- तत्काल मूंग खरीद केंद्र खोले जाएं।
- एमएसपी के अनुसार उचित मूल्य सुनिश्चित किया जाए।
- खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता और बटाईदार किसानों को शामिल किया जाए।
- लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई हो।
किसानों का कहना है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे कलेक्ट्रेट में मूंग डालकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।