आगरा के सदर क्षेत्र में एक नौ साल की मासूम बच्ची के साथ दिल दहलाने वाला अपराध सामने आया है। जिसे वह ‘माँ’ कहती थी, उसी ने उसे देह व्यापार के दलदल में धकेल दिया। राजस्थान से जुड़े मानव तस्करी गिरोह ने बच्ची को बेचा, और फिर उसे यातनाएं देकर हर दिन शारीरिक शोषण का शिकार बनाया गया। पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है और पांच अन्य की तलाश जारी है।
कैसे सामने आया मामला?
रामबाग के रहने वाले भारतीय किसान यूनियन स्वराज के जिला अध्यक्ष अजय कुमार सिंह को ग्वालियर मार्ग पर एक बच्ची मदद मांगती मिली। बच्ची ने बताया कि उसकी तथाकथित माँ उससे जबरन देह व्यापार करवाती थी। विरोध करने पर उसे पीटा जाता, सिगरेट से दागा जाता और यातनाएं दी जाती थीं। बच्ची किसी तरह वहां से भाग निकली थी। उसकी आपबीती सुनकर पुलिस भी स्तब्ध रह गई।
पुलिस की कार्रवाई
एसीपी हेमंत कुमार ने बताया कि बच्ची की शिकायत पर गीता, उसके पति मानिकचंद, बच्ची को 60 हजार रुपये में बेचने वाले कुनाल उर्फ राहुल उर्फ जोनी और गीता के बेटे अमित को गिरफ्तार कर लिया गया है। इनके खिलाफ अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम, पॉक्सो एक्ट और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। पूछताछ में कुनाल की पत्नी शालू और गीता के दूसरे बेटे का नाम भी सामने आया है। इनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें दबिश दे रही हैं।
राजस्थान से जुड़े गिरोह के तार
पुलिस जांच में पता चला कि जयपुर के महेंद्र नामक शख्स ने दो साल पहले बच्ची को बेचा था। इसके लिए एक पुलिस टीम जयपुर भेजी गई है। गिरफ्तार आरोपियों ने खुलासा किया कि बच्ची को खरीदने के बाद गीता के बड़े बेटे ने उसका यौन शोषण किया। फिर गीता ने ग्राहकों को बुलाकर बच्ची से जबरन देह व्यापार करवाया। गीता ने अपने कुकृत्यों को छिपाने के लिए पड़ोसियों से कोई संपर्क नहीं रखा। उसके दो पूर्व पतियों से विवाद के बाद वह मानिकचंद के साथ रह रही थी, जो उसके अपराधों में सहयोगी था। दोनों बेटे भी बच्ची को यातनाएं देकर शोषण करवाते थे।