आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज ने चिकित्सा के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। अब कंधे की समस्याओं जैसे कंधा उतरना, मांसपेशियों की झिल्ली फटना, फ्रोजन शोल्डर, और अन्य जटिलताओं का इलाज शोल्डर आर्थोस्कोपी के जरिए मुफ्त में किया जाएगा। इस तकनीक की शुरुआत के साथ पहली सर्जरी सफलतापूर्वक की जा चुकी है। यह सुविधा न केवल आगरा, बल्कि आसपास के जिलों के मरीजों के लिए भी वरदान साबित होगी, जो निजी अस्पतालों में डेढ़ लाख रुपये तक खर्च करने से बच सकेंगे।
शोल्डर आर्थोस्कोपी: कंधे की समस्याओं का आधुनिक समाधान
कंधे की समस्याएं, जैसे मांसपेशियों का फटना, कंधा उतरना, या फ्रोजन शोल्डर, खेलकूद, चोट, या अन्य कारणों से हो सकती हैं। इन समस्याओं को नजरअंदाज करने से मरीज को लगातार दर्द, वजन उठाने में असमर्थता, और रोजमर्रा के कामों में दिक्कत का सामना करना पड़ता है। पहले एसएन मेडिकल कॉलेज में केवल कंधे के फ्रैक्चर की सर्जरी होती थी, लेकिन अब शोल्डर आर्थोस्कोपी की सुविधा शुरू होने से मरीजों को बिना चीरे के, कम रक्तस्राव के साथ सटीक इलाज मिलेगा।
पहली सर्जरी की सफलता
एसएन मेडिकल कॉलेज के हड्डी रोग विभाग ने शोल्डर आर्थोस्कोपी की शुरुआत के साथ पहली सर्जरी सफलतापूर्वक पूरी की है। प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने बताया कि इस नई सुविधा से मरीजों को निजी अस्पतालों की तुलना में भारी आर्थिक बचत होगी। शोल्डर आर्थोस्कोपी एक उन्नत तकनीक है, जिसमें छोटे छिद्र के जरिए दूरबीन से सर्जरी की जाती है। यह प्रक्रिया न केवल सुरक्षित है, बल्कि मरीज को जल्दी ठीक होने में भी मदद करती है।
विशेषज्ञ की राय: डॉ. रजत कपूर
शोल्डर आर्थोस्कोपी के विशेषज्ञ डॉ. रजत कपूर ने बताया कि ओपीडी में हर महीने 500 से अधिक मरीज कंधे की समस्याओं के साथ आते हैं, जिनमें खिलाड़ी, युवा, बच्चे, और किशोर शामिल हैं। इस तकनीक में छोटे छिद्र के माध्यम से सर्जरी की जाती है, जिससे रक्तस्राव न्यूनतम होता है। सर्जरी के दो सप्ताह बाद मरीज को छह सप्ताह की फिजियोथेरेपी दी जाती है, जिसके बाद कंधा सामान्य रूप से काम करने लगता है। निजी अस्पतालों में इस सर्जरी का खर्च 1 से 1.5 लाख रुपये तक आता है, लेकिन एसएन में यह पूरी तरह मुफ्त है। जरूरी सामान भी सरकारी दरों पर उपलब्ध है, जिससे मरीजों पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ता।
कैसे मिलेगी यह सुविधा?
मरीजों को इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए हड्डी रोग विभाग में संपर्क करना होगा। इसके लिए केवल 1 रुपये में ओपीडी पर्चा बनवाना होगा। हर बृहस्पतिवार को ओपीडी परिसर के कमरा नंबर 7 में विशेष ओपीडी लगेगी, जो सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक चलेगी। मरीज यहां अपनी समस्या का निदान करा सकते हैं और जरूरत पड़ने पर सर्जरी के लिए सलाह ले सकते हैं।
मरीजों के लिए वरदान
यह सुविधा उन मरीजों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है, जो आर्थिक तंगी के कारण निजी अस्पतालों में इलाज नहीं करा पाते। शोल्डर आर्थोस्कोपी जैसी उन्नत तकनीक अब सरकारी अस्पताल में मुफ्त उपलब्ध होने से आगरा और आसपास के जिलों के हजारों मरीजों को राहत मिलेगी। खासकर खिलाड़ियों और युवाओं के लिए यह तकनीक कंधे की चोटों से उबरने और अपनी सक्रियता बनाए रखने में मददगार साबित होगी।
सामाजिक और चिकित्सकीय प्रभाव
एसएन मेडिकल कॉलेज की इस पहल ने सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में एक नया अध्याय जोड़ा है। यह न केवल मरीजों के लिए आर्थिक राहत लेकर आया है, बल्कि सरकारी अस्पतालों में आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता को भी दर्शाता है। यह कदम अन्य सरकारी अस्पतालों के लिए भी प्रेरणा बन सकता है। मरीजों और उनके परिवारों ने इस सुविधा की सराहना की है और इसे गरीबों के लिए एक वरदान बताया है।