आगरा में परिवहन आयुक्त बृजेश नारायण सिंह ने किया विकास कार्यों का निरीक्षण: गोशाला और सिविल टर्मिनल में खामियों पर जताई नाराजगी

  • गोबरा गोशाला में पेयजल और बीमार गायों की देखभाल की कमी, आयुक्त ने दिए सुधार के निर्देश
  • जल जीवन मिशन की समीक्षा, हर घर जल योजना में कमियों पर सख्ती, महिलाओं से की बातचीत
  • सिविल टर्मिनल प्रोजेक्ट का लिया जायजा, जुलाई 2026 तक पूरा होने का लक्ष्य

उत्तर प्रदेश के परिवहन आयुक्त और आगरा के नोडल अधिकारी बृजेश नारायण सिंह ने 24 मई 2025 को आगरा में विभिन्न विकास परियोजनाओं का भौतिक सत्यापन किया. उन्होंने अछनेरा की गोबरा गोशाला, जल जीवन मिशन के तहत हर घर जल योजना, और निर्माणाधीन सिविल टर्मिनल का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान कई खामियों पर उन्होंने कड़ी नाराजगी जताई और अधिकारियों को तत्काल सुधार के निर्देश दिए. गोशाला में पेयजल जांच, खराब हैंडपंप, और बीमार गायों की देखभाल की कमी पर विशेष ध्यान दिया गया, जबकि सिविल टर्मिनल के लिए एनओसी प्रक्रिया की प्रगति की समीक्षा की गई।

गोबरा गोशाला में खामियां, सख्त निर्देश
बृजेश नारायण सिंह ने सबसे पहले ग्राम पंचायत गोबरा (अछनेरा) की गोशाला का निरीक्षण किया. उन्होंने गोशाला की लागत, भूसा संग्रह, जल और छाया की व्यवस्था, इयर टैगिंग, बीमार गायों के उपचार, हरे चारे, और केयरटेकर की जानकारी ली. निरीक्षण में पेयजल की जांच न होना, खराब हैंडपंप, और बीमार गायों की अपर्याप्त देखभाल पर उन्होंने नाराजगी जताई. अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, गोशाला में फर्जीवाड़े की भी शिकायत मिली, जिसके बाद आयुक्त ने अधिकारियों को व्यवस्था दुरुस्त करने और नियमित निगरानी के सख्त निर्देश दिए।

जल जीवन मिशन: हर घर जल योजना में कमियां
आयुक्त ने ग्राम पंचायत अरदाया में जल जीवन मिशन के तहत हर घर जल योजना का जायजा लिया. निरीक्षण में पाया गया कि ऊंचे स्थानों पर बसी बस्तियों और गरीब परिवारों तक जलापूर्ति सुचारू नहीं है. उन्होंने गांव का दोबारा सर्वे करवाने, जल के प्रेशर को बढ़ाने के लिए तकनीकी उपाय करने, और पेयजल की जांच कर पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिए. इसके अलावा, उन्होंने स्थानीय महिलाओं से बातचीत कर उनकी समस्याएं सुनीं और जलापूर्ति में सुधार के लिए तत्काल कदम उठाने को कहा।

सिविल टर्मिनल: जुलाई 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य
बृजेश नारायण सिंह ने निर्माणाधीन सिविल टर्मिनल एयरपोर्ट का भी निरीक्षण किया, जिसे 441.79 करोड़ रुपये की लागत से 144.07 एकड़ भूमि पर बनाया जा रहा है. अधिकारियों ने बताया कि प्रोजेक्ट जुलाई 2026 तक पूरा होने का लक्ष्य है. आयुक्त ने विभिन्न विभागों से एनओसी (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) की प्रगति की जानकारी ली, जिसमें प्रक्रिया चल रही है. उन्होंने समयबद्ध तरीके से एनओसी प्राप्त करने और प्रोजेक्ट को गति देने के निर्देश दिए।

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