आगरा में रेहड़ी-ठेले वालों के लिए नया नियम: पहचान बोर्ड लगाना अनिवार्य, सफाई कर्मचारियों की भर्ती अब लॉटरी सिस्टम से

आगरा। आगरा नगर निगम ने रेहड़ी-ठेले से कारोबार करने वालों के लिए नया नियम लागू किया है, जिसके तहत अब उन्हें अपनी पहचान उजागर करने के लिए बोर्ड लगाना अनिवार्य होगा। साथ ही, नगर निगम में एक हजार सफाई कर्मचारियों की भर्ती लॉटरी सिस्टम के जरिए की जाएगी, ताकि पारदर्शिता बनी रहे। ये फैसले मेयर हेमलता दिवाकर की अध्यक्षता में हुई नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में सर्वसम्मति से पारित किए गए।

रेहड़ी-ठेले वालों की पहचान होगी उजागर

आगरा नगर निगम सीमा में रेहड़ी, ठेला और ढकेल से खाद्य पदार्थों या अन्य सामान की बिक्री करने वाले 60 हजार से अधिक कारोबारियों को अब अपने नाम और नगर निगम का पंजीकरण नंबर वाला पहचान बोर्ड लगाना होगा। यह प्रस्ताव पार्षद बद्री प्रसाद माहौर ने रखा, जिसमें उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा, धार्मिक मेलों और सार्वजनिक स्थलों पर ऐसे दुकानदारों की भारी भीड़ होती है। कई बार इनके खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता पर सवाल उठते हैं, जिसके चलते दिल्ली और लखनऊ की तर्ज पर आगरा में भी पहचान उजागर करने का नियम लागू किया गया है। यह कदम जनता की सुरक्षा और कारोबारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करेगा।

लॉटरी सिस्टम से होगी सफाई कर्मचारियों की भर्ती

बैठक में सफाई कर्मचारियों की भर्ती को लेकर भी अहम फैसला लिया गया। कार्यकारिणी सदस्य रवि माथुर ने प्रस्ताव रखा कि एक हजार सफाई कर्मचारियों की भर्ती लॉटरी सिस्टम के जरिए की जाए, ताकि प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे। इस प्रक्रिया में मेयर की अध्यक्षता में पांच पार्षद और दो अधिकारियों की मौजूदगी में लॉटरी निकाली जाएगी। मेयर हेमलता दिवाकर ने इस प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए कहा कि भर्ती प्रक्रिया इसी माह शुरू कर दी जाएगी। इस कदम का मकसद भर्ती में धांधली के आरोपों को खत्म करना है, जैसा कि हाल ही में कुछ वायरल ऑडियो के जरिए सामने आया था।

नगर निगम के वाहनों में जीपीएस और डीजल का हिसाब

बैठक में नगर निगम के वाहनों के संचालन में पारदर्शिता के लिए भी कई प्रस्ताव पास किए गए। रवि माथुर ने सुझाव दिया कि कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों और सफाई मशीनों में जीपीएस सिस्टम लगाया जाए, जिसकी मॉनिटरिंग उच्च अधिकारियों द्वारा की जाए। इसके अलावा, वाहनों को डीजल देने की प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए एक जोनल सैनिटेशन ऑफिसर (जेडएसओ) तैनात किया जाए, जिसे हर माह बदला जाएगा। जेडएसओ को यह रिपोर्ट देनी होगी कि किन वाहनों को कितना डीजल दिया गया, वे कितने चक्कर लगाते हैं, और क्या सफाई मशीनें पूरी तरह काम कर रही हैं।

बैठक में बंदरों और आवारा कुत्तों के बधियाकरण को लेकर भी चर्चा हुई। रवि माथुर ने प्रस्ताव रखा कि बधियाकरण के बाद संबंधित क्षेत्र के पार्षद को सूचना दी जाए, ताकि प्रक्रिया की वास्तविकता का पता चल सके। इस प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई।

अन्य अहम फैसले

बैठक में कुल 10 प्रस्ताव रखे गए, जिनमें से 8 को सर्वसम्मति से पारित किया गया। रवि माथुर ने सफाई, टैक्स, और संपत्ति विभाग में अनियमितताओं पर अंकुश लगाने के लिए सभी सफाई इंस्पेक्टर, टैक्स, और संपत्ति विभाग के रेवेन्यू इंस्पेक्टर (आरआई) को बदलने की मांग की, जिसे स्वीकार कर लिया गया। वहीं, कार्यकारिणी सदस्य बंटी माहौर ने आरोप लगाया कि कई जगहों पर पीडब्ल्यूडी के क्षेत्र में भी नगर निगम द्वारा विकास कार्य किए गए, जो नियमों के खिलाफ है। इस पर जांच के आदेश दिए गए।

मेयर का बयान

मेयर हेमलता दिवाकर ने कहा, “नगर निगम जनता की सुविधा और शहर की सफाई के लिए प्रतिबद्ध है। रेहड़ी-ठेले वालों के लिए पहचान बोर्ड और सफाई कर्मचारियों की लॉटरी सिस्टम से भर्ती जैसे कदम पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाएंगे। भर्ती में किसी भी तरह की धांधली को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

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