आगरा में शस्त्र लाइसेंस घोटाला: STF की सुस्त जांच, हथियार जब्ती नाकाम, CBI जांच की मांग तेज

आगरा में अवैध शस्त्र लाइसेंस और विदेशी हथियारों के फर्जीवाड़े का मामला सामने आने के बाद भी विशेष कार्य बल (एसटीएफ) एक महीने बाद भी कोई ठोस नतीजा नहीं निकाल सका। शास्त्रीपुरम निवासी विशाल भारद्वाज की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत के बाद यह मामला उजागर हुआ था। अब इसकी सीबीआई जांच की मांग उठ रही है।

मामले का विवरण

  • केस दर्ज: 24 मई 2025 को थाना नाई की मंडी में एसटीएफ निरीक्षक यतेंद्र शर्मा ने केस दर्ज किया।
  • आरोपियों के नाम: भूपेंद्र सारस्वत, शिव कुमार सारस्वत, मीडियाकर्मी शोभित चतुर्वेदी, राजेश कुमार बघेल, मोहम्मद जैद, अरशद, और सेवानिवृत्त असलहा बाबू संजय कपूर।
  • शिकायत का आधार: विशाल भारद्वाज ने गोरखपुर मठ में मुख्यमंत्री से शस्त्र लाइसेंस में अनियमितता और अवैध हथियारों की शिकायत की थी।
  • जांच की स्थिति: एसटीएफ ने 10 महीने की पड़ताल के बाद केस दर्ज किया, लेकिन एक महीने बाद भी जांच अधूरी है। अब विवेचना निरीक्षक हुकुम सिंह के पास है।

सीबीआई जांच की मांग

आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने दावा किया कि मामला मुख्तार अंसारी के गिरोह से जुड़ा हो सकता है। ठाकुर ने यह भी कहा कि उनकी शिकायत विवेचक के खिलाफ नहीं, बल्कि एक अधिकारी द्वारा दबाव डालने के खिलाफ थी।

प्रमुख बिंदु

  • अनियमितता: शस्त्र लाइसेंस जारी करने में गड़बड़ी और अवैध हथियारों का फर्जीवाड़ा।
  • जांच में देरी: एसटीएफ की सुस्ती और हथियारों की जब्ती में नाकामी पर सवाल।
  • सीबीआई जांच की जरूरत: मामले की गंभीरता और संभावित आपराधिक कनेक्शन के चलते।

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