आगरा शहर में सड़कों पर अव्यवस्थित रूप से खड़ी होने वाली निजी बसों से होने वाली जाम की समस्या को खत्म करने के लिए प्रशासन ने महत्वपूर्ण पहल की है। जिले में टूरिस्ट बस पार्क और निजी बस अड्डे के निर्माण की योजना को मूर्त रूप देने की तैयारी शुरू हो चुकी है। इस परियोजना को लागू करने के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक नौ सदस्यीय समिति गठित की गई है। इस कदम से न केवल शहर की यातायात व्यवस्था को सुगम बनाया जाएगा, बल्कि पर्यटकों और स्थानीय यात्रियों के लिए यात्रा अनुभव को और बेहतर किया जाएगा।
आगरा, जो अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर के लिए विश्वविख्यात है, में पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यमुना और लखनऊ एक्सप्रेसवे से जुड़ाव के कारण समूहों में निजी बसों से आने वाले पर्यटकों की तादाद में इजाफा हुआ है। साथ ही, शहरों और कस्बों को जोड़ने वाली प्राइवेट बसों की संख्या भी बढ़ रही है। लेकिन इन बसों के लिए कोई समर्पित बस अड्डा न होने के कारण बस संचालक सड़कों पर अनधिकृत स्टॉपेज बनाकर सवारी भरते हैं। इससे जाम की समस्या गंभीर हो जाती है। कई होटलों में पार्किंग की कमी के कारण टूरिस्ट बसें सड़क किनारे खड़ी की जाती हैं, जिससे यातायात और बाधित होता है।
एआरटीओ प्रवर्तन आलोक कुमार ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार जिला और तहसील स्तर पर निजी बस अड्डों का निर्माण किया जाएगा। ये अड्डे कम से कम दो एकड़ भूमि पर विकसित होंगे, जिसमें 70 प्रतिशत हिस्सा खुला रहेगा और 30 प्रतिशत हिस्से में व्यावसायिक गतिविधियों की अनुमति होगी। बस अड्डा नगर निगम या नगर पालिका की सीमा से अधिकतम पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थापित किया जाएगा। आवेदन करने वाले की नेटवर्थ पिछले वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 50 लाख रुपये और टर्नओवर दो करोड़ रुपये से कम नहीं होना चाहिए। इसके अलावा, आवेदक के पास संचालन और प्रबंधन का कम से कम दो वर्ष का अनुभव होना अनिवार्य है। टूरिस्ट बस पार्क और निजी बस अड्डे 10 वर्ष की अवधि के लिए आवंटित होंगे। यात्रियों की सुविधा के लिए बस पार्क तक पहुंचने हेतु अलग से सड़क का निर्माण भी सुनिश्चित किया जाएगा।
इस परियोजना के लिए कोई भी इच्छुक व्यक्ति या संस्था समिति के पास आवेदन कर सकता है। नौ सदस्यीय समिति आवेदनों की गहन जांच करेगी और शासन के नियमों के अनुरूप बस अड्डे के निर्माण को मंजूरी प्रदान करेगी। यह परियोजना आगरा में यातायात को व्यवस्थित करने, पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं देने और शहर की पर्यटन क्षमता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह पहल न केवल स्थानीय लोगों के लिए राहत लेकर आएगी, बल्कि आगरा को एक व्यवस्थित और पर्यटक-अनुकूल शहर के रूप में और मजबूत करेगी।