आगरा पुलिस की बड़ी कार्रवाई 494 किलो गांजा बरामद, 3 करोड़ की तस्करी का खुलासा, तीन शातिर तस्कर गिरफ्तार

  • सिकंदरा में ट्रक के गुप्त बॉक्स में छिपाकर लाया जा रहा था गांजा, उड़ीसा-आंध्र प्रदेश से सस्ते में खरीदकर बेचते थे मुनाफा
  • मोहम्मद अफसार, प्रसन्नजीत, और धर्मपाल गिरफ्तार, अनिल शर्मा और अन्य की तलाश में पुलिस
  • अंतरराज्यीय तस्करी गैंग का पर्दाफाश, ट्रक, कार और 7 मोबाइल बरामद, जेल भेजे गए तस्कर

आगरा पुलिस ने 2 जून 2025 को सिकंदरा थाना क्षेत्र में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अंतरराज्यीय गांजा तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया। पुलिस ने 494.35 किलो गांजा, जिसकी कीमत करीब 3 करोड़ रुपये है, बरामद किया और तीन तस्करों—मोहम्मद अफसार, प्रसन्नजीत, और धर्मपाल उर्फ धर्मा—को गिरफ्तार किया। तस्कर ट्रक के ड्राइवर केबिन के पीछे बने गुप्त बॉक्स में गांजा छिपाकर उड़ीसा और आंध्र प्रदेश से लाते थे। डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने बताया कि तस्कर उड़ीसा के दिलीप से 3,000 रुपये प्रति किलो गांजा खरीदकर लोनी के अंजुम और जाकिर को 10,000-15,000 रुपये प्रति किलो बेचते थे। पुलिस ने एक ट्रक, एक कार, और 7 मोबाइल फोन भी बरामद किए। तीनों तस्करों को जेल भेज दिया गया है, जबकि मुख्य सरगना अनिल शर्मा और अन्य की तलाश जारी है। यह कार्रवाई सिकंदरा पुलिस, SOG, और सर्विलांस टीम की संयुक्त ऑपरेशन का हिस्सा थी।

तस्करी का तरीका और गिरफ्तारी
सिकंदरा थाना क्षेत्र में हीरा लाल की प्याऊ के पास चेकिंग के दौरान पुलिस को तीन संदिग्ध मिले। पूछताछ में मोहम्मद अफसार ने खुलासा किया कि वह पिछले दो साल से अनिल शर्मा के साथ मिलकर गांजा तस्करी कर रहा है। तस्कर उड़ीसा और आंध्र प्रदेश से दिलीप नामक व्यक्ति से सस्ते दाम पर गांजा खरीदते थे और उसे गाजियाबाद के लोनी में अंजुम और जाकिर को भारी मुनाफे पर बेचते थे। धर्मपाल उर्फ धर्मा, जो पिनाहट का रहने वाला है, तस्करी के लिए ट्रक और अन्य वाहन उपलब्ध कराता था। पुलिस ने ट्रक में ड्राइवर केबिन के पीछे बने गुप्त चैंबर से 494.35 किलो गांजा बरामद किया, जो प्लास्टिक बैग में टेप और कागज से पैक था।

पुलिस की कार्रवाई और बरामदगी
डीसीपी सोनम कुमार ने बताया कि तस्कर ‘पुष्पा’ फिल्म स्टाइल में ट्रक के गुप्त बॉक्स में गांजा छिपाकर लाते थे। पुलिस ने ट्रक (UP-80-DT-0540), एक कार, और 7 मोबाइल फोन बरामद किए। गांजे को 77 बोरियों में पैक किया गया था। गिरफ्तार तस्करों पर NDPS एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया, और उन्हें जेल भेज दिया गया।

अंतरराज्यीय गैंग का नेटवर्क
पुलिस ने खुलासा किया कि यह गिरोह उड़ीसा, आंध्र प्रदेश से गांजा लाकर उत्तर प्रदेश, दिल्ली-NCR, और अन्य राज्यों में सप्लाई करता था। मोहम्मद अफसार ने बताया कि अनिल शर्मा इस गैंग का मुख्य सरगना है, जो अभी फरार है। धर्मपाल ने वाहनों की व्यवस्था की, जबकि प्रसन्नजीत सप्लाई चेन में मदद करता था। गाजियाबाद के लोनी में अंजुम और जाकिर बड़े खरीदार थे। न्यूज18 की 2 जून 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, “गिरोह ने पुष्पा स्टाइल में तस्करी की, लेकिन पुलिस ने रंगे हाथों पकड़ लिया।” पुलिस अब अनिल शर्मा, दिलीप, और अन्य की तलाश में छापेमारी कर रही है।

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