आगरा की सिकंदरा फल एवं सब्जी मंडी में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) ने शुक्रवार (11 जुलाई 2025) को एक बड़ी कार्रवाई की। बारिश के कारण खराब हुई सब्जियों को बेचने की शिकायतों के बाद एफएसडीए की टीम ने मंडी में छापा मारा और 110 किलो सड़ी-गली सब्जियों को नष्ट करवाया। इस कार्रवाई के दौरान मंडी की बदहाल स्थिति, कीचड़, और गंदगी की समस्या भी सामने आई, जिसने न केवल व्यापारियों, बल्कि ग्राहकों के लिए भी मुश्किलें पैदा कर दी हैं। यह कार्रवाई खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
छापे का विवरण और कार्रवाई:
सहायक आयुक्त खाद्य-2 महेंद्र श्रीवास्तव के नेतृत्व में एफएसडीए की टीम ने शुक्रवार दोपहर सिकंदरा फल एवं सब्जी मंडी का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान टीम को मंडी में बड़ी मात्रा में सड़ी-गली सब्जियां मिलीं, जो उपभोक्ताओं के लिए स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकती थीं। कुल 110 किलोग्राम खराब सब्जियों को नष्ट करवाया गया, जिसमें निम्नलिखित शामिल थे:
- 15 किलोग्राम मिर्च
- 60 किलोग्राम पत्ता गोभी
- 15 किलोग्राम करेला
- 10 किलोग्राम परवल
- 10 किलोग्राम चुकंदर
टीम ने मंडी के विक्रेताओं और आढ़तियों को सख्त निर्देश दिए कि वे फल और सब्जियों का उचित रखरखाव करें और सड़ी-गली सब्जियों को बेचने से बचें। एफएसडीए ने चेतावनी दी कि भविष्य में ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
मंडी की बदहाल स्थिति:
निरीक्षण के दौरान मंडी की स्थिति भी चिंताजनक पाई गई। दो दिन की बारिश के कारण मंडी में कीचड़ और गंदगी का आलम था। जगह-जगह पानी जमा होने और कचरे के ढेर लगने से व्यापारियों और ग्राहकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। मंडी के गेट के पास कचरे के ढेर और कीचड़ के कारण पैदल चलना तक मुश्किल हो गया था। सड़ी-गली सब्जियों को फेंकने के कारण मंडी में दुर्गंध फैल रही थी, जिसने स्थिति को और खराब कर दिया।
यह स्थिति न केवल व्यापारियों के लिए चुनौतीपूर्ण थी, बल्कि ग्राहकों के लिए भी असुविधाजनक थी। दुकानदारों ने बताया कि कीचड़ और जलभराव के कारण व्यापार करना मुश्किल हो गया है। मंडी में स्वच्छता और बेहतर प्रबंधन की कमी ने स्थानीय प्रशासन और मंडी समिति की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं।
एफएसडीए का संदेश:
एफएसडीए की इस कार्रवाई का उद्देश्य उपभोक्ताओं को सुरक्षित और स्वच्छ खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराना है। सहायक आयुक्त महेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि सड़ी-गली सब्जियां बेचना न केवल उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि यह खाद्य सुरक्षा नियमों का भी उल्लंघन है। उन्होंने विक्रेताओं से अपील की कि वे अपनी सब्जियों और फलों का उचित भंडारण करें और खराब हो चुके सामान को तुरंत नष्ट करें।
सामाजिक और स्वास्थ्य प्रभाव:
यह कार्रवाई उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। सड़ी-गली सब्जियां खाने से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं, जैसे खाद्य विषाक्तता और पेट से संबंधित बीमारियां, हो सकती हैं। विशेष रूप से बारिश के मौसम में खराब सब्जियों का बिकना एक गंभीर समस्या है, क्योंकि नमी के कारण सब्जियां जल्दी खराब हो जाती हैं। इस छापे ने मंडी के विक्रेताओं और आढ़तियों को यह संदेश दिया है कि खाद्य सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
हालांकि, मंडी की स्वच्छता और प्रबंधन की समस्या ने स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी पर सवाल उठाए हैं। कीचड़, जलभराव, और कचरे की समस्या को हल करने के लिए मंडी समिति और नगर निगम को तत्काल कदम उठाने की जरूरत है।
आगे की कार्रवाई और अपेक्षाएं:
एफएसडीए ने संकेत दिया है कि सिकंदरा मंडी सहित अन्य मंडियों में भी नियमित निरीक्षण जारी रहेंगे। उपभोक्ताओं और स्थानीय लोगों ने मांग की है कि मंडी में स्वच्छता और बुनियादी सुविधाओं को बेहतर किया जाए, ताकि व्यापार और खरीदारी सुचारू रूप से हो सके। इसके अलावा, बारिश के मौसम में जलभराव और कचरे की समस्या को रोकने के लिए दीर्घकालिक उपायों की जरूरत है।