आगरा यूनिवर्सिटी में हंगामा: पुर्नपरीक्षा के अंकों से भड़के छात्र, परीक्षा नियंत्रक का घेराव कर लगाए नारे

आगरा, उत्तर प्रदेश | 25 जून 2025

डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा में मंगलवार को आगरा कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने पुर्नपरीक्षा के परिणामों को लेकर जमकर हंगामा किया। नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के नेतृत्व में छात्रों ने परीक्षा नियंत्रक के कार्यालय का घेराव किया। उनका आरोप है कि विश्वविद्यालय ने पुर्नपरीक्षा के परिणाम में पुराने अंक ही दोहराए, जिससे कई छात्र फेल हो गए और नए सत्र में प्रवेश नहीं ले पा रहे।

छात्रों की शिकायत

NSUI के आगरा कॉलेज इकाई अध्यक्ष अनिल सूर्यवंशी ने बताया कि विश्वविद्यालय ने 21 अप्रैल से 20 मई 2025 तक बीए, बीएससी, और बीकॉम के दूसरे, चौथे, और छठे सेमेस्टर की पुर्नपरीक्षा आयोजित की थी। परिणाम घोषित होने के बाद छात्रों ने आरोप लगाया कि उनकी कॉपियों का मूल्यांकन ठीक से नहीं हुआ। कई छात्रों को दूसरी या तीसरी बार पुर्नपरीक्षा देने के बावजूद पुराने अंक देकर फेल कर दिया गया। इससे दर्जनों छात्र नए सत्र में प्रवेश से वंचित हो गए हैं।

छात्र मोनिशा पाठक (बीए चौथा सेमेस्टर) ने कहा, “मैंने दूसरी बार पुर्नपरीक्षा दी, फिर भी पुराने अंक देकर फेल कर दिया गया। विश्वविद्यालय की गलती के कारण मेरा दाखिला अटक गया है।” वहीं, प्रिया कश्यप (बीए दूसरा सेमेस्टर) ने बताया, “तीसरी बार पुर्नपरीक्षा देने के बाद भी मुझे फेल कर दिया। कॉपियों का मूल्यांकन सही नहीं हो रहा।”

प्रदर्शन और ज्ञापन

छात्रों ने नारेबाजी करते हुए परीक्षा नियंत्रक के कार्यालय का घेराव किया और परिणाम में सुधार की मांग की। इस दौरान कुलदीप दीक्षित, सोनू ठाकुर, सौरभ सागर, श्याम सुंदर, सुमित पचौरी, और वर्षा खान जैसे छात्र मौजूद रहे। ABVP ने भी विश्वविद्यालय को ज्ञापन सौंपा। प्रदेश विश्वविद्यालय कार्य संयोजक आकाश शर्मा ने चेतावनी दी कि अगर कॉपियों का सही मूल्यांकन नहीं हुआ तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। ज्ञापन देने वालों में गौरव यादव, कर्मवीर बघेल, पुनीत कुमार, मनीष बघेल, और हिमांशी सिंह शामिल थे।

विश्वविद्यालय का जवाब

परीक्षा नियंत्रक डॉ. ओमप्रकाश ने आश्वासन दिया कि परिणामों को अपडेट करने का काम चल रहा है और छात्रों की समस्या जल्द हल की जाएगी।

भविष्य पर सवाल

यह विवाद विश्वविद्यालय की मूल्यांकन प्रक्रिया पर सवाल उठाता है। बार-बार फेल होने से छात्रों का भविष्य अधर में लटक रहा है, जिससे उनके बीच आक्रोश बढ़ रहा है।

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