आगरा के बरहन क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक दलित युवक रवि वाल्मीकि को केवल रोटी मांगने के कारण क्रूरता का शिकार होना पड़ा। यह युवक, जो गांव-गांव घूमकर भीख मांगकर गुजारा करता है, को कथित तौर पर बंधक बनाया गया, पीटा गया और बाजरे के खेत में बंधा हुआ फेंक दिया गया। इस घटना ने वाल्मीकि समाज में गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है, जो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहा है।
बुधवार को, अहारन के नगला गोवर्धन निवासी रवि वाल्मीकि नगला गोवर्धन और नगला बरी के बीच स्थित एक मुर्गी फार्म पर पहुंचा। रिपोर्ट्स के अनुसार, फार्म पर कुछ लोग पार्टी कर रहे थे। जब रवि ने उनसे रोटी मांगी, तो स्थिति हिंसक हो गई। फार्म संचालक और अन्य लोगों ने कथित तौर पर रवि के साथ दुर्व्यवहार किया। मदद करने के बजाय, उन्होंने उस पर सरिया से हमला किया। इसके बाद, हमलावरों ने उसके हाथ-पैर बांध दिए, मुंह बंद किया और उसे पास के बाजरे के खेत में फेंक दिया।
रवि पूरी रात खेत में दर्द और लाचारी के बीच पड़ा रहा। गुरुवार सुबह, चारा लेने आए ग्रामीणों ने उसे घायल अवस्था में देखा और तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घायल युवक को मेडिकल उपचार के लिए भेजा। इस मामले में पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लिया और शांति भंग के तहत कार्रवाई शुरू की। सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) एत्मादपुर देवेश सिंह ने बताया कि अभी तक पीड़ित पक्ष की ओर से कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि शिकायत मिलने पर मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना ने वाल्मीकि समाज में भारी रोष पैदा किया है। समाज के लोग रवि के साथ हुए अमानवीय व्यवहार से गुस्से में हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। केवल रोटी मांगने के कारण हुई इस बर्बरता ने समाज में करुणा और मानवता की कमी पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
पुलिस मामले की जांच कर रही है और पीड़ित का मेडिकल परीक्षण कराया गया है। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि लिखित शिकायत मिलने पर उचित कानूनी कदम उठाए जाएंगे। यह घटना समाज में हाशिए पर रहने वाले समुदायों के सामने आने वाली चुनौतियों और अधिक जागरूकता व संवेदनशीलता की आवश्यकता को रेखांकित करती है। वाल्मीकि समाज की न्याय की मांग इस तरह की हिंसक घटनाओं को गंभीरता से लेने की जरूरत को दर्शाती है।