बारिश का कहर: फंगल इन्फेक्शन, खुजली और जख्मों से बढ़ी मुसीबत, इन उपायों से करें बचाव!

आगरा में बारिश और उमस ने फंगल इन्फेक्शन, टायफायड और पेट रोगों के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा किया है। एसएन मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में 70% मरीज फंगल इन्फेक्शन, एलर्जी और बाल टूटने की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। खुजली से जख्म, कान में दर्द और पेट की बीमारियां भी बढ़ रही हैं। डॉक्टर दवाओं के साथ बचाव के लिए जागरूक कर रहे हैं।

आगरा में बारिश और उमस के कारण त्वचा, कान और पेट रोगों की समस्याएं बढ़ गई हैं। एसएन मेडिकल कॉलेज के त्वचा रोग विभाग में 70% मरीज फंगल इन्फेक्शन, एलर्जी और बाल टूटने की शिकायत लेकर आ रहे हैं। खुजली से जख्म बन रहे हैं, जबकि कान में दर्द और टायफायड के मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है।

त्वचा रोग विभागाध्यक्ष डॉ. यतेंद्र चाहर ने बताया कि ओपीडी में 328 मरीज आए, जिनमें बगल, जांघ और गर्दन पर फंगल इन्फेक्शन, लाल दाने और एलर्जी की शिकायतें थीं। बारिश में भीगने के बाद देर तक गीले कपड़े पहनने और उमस में काम करने वालों में ये समस्याएं ज्यादा हैं। बाल टूटने और सिर की एलर्जी की शिकायतें भी बढ़ी हैं, जो पुरुषों और महिलाओं में बराबर देखी जा रही हैं।

ईएनटी विभागाध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि कान में पानी जाने से दर्द, सूजन और खुजली की समस्याएं बढ़ रही हैं। मेडिसिन विभाग के डॉ. आशीष गौतम के अनुसार, दूषित पानी और खाद्य सामग्री के कारण टायफायड, डायरिया और पेट के रोगों के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। ओपीडी में 639 मरीजों में से आधे से ज्यादा को ये समस्याएं थीं। बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ. पंकज कुमार ने बताया कि बच्चों में भी ऐसी समस्याएं बढ़ रही हैं, जिनमें तेज बुखार भी देखा जा रहा है।

मरीजों की भीड़

सोमवार को एसएन मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में 3,397 मरीज पहुंचे। मेडिसिन (639), हड्डी रोग (366), त्वचा रोग (328) और वक्ष एवं क्षय रोग (271) विभागों में सबसे ज्यादा भीड़ रही। पर्चे और दवाओं के लिए मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ा। इन विभागों में मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण एक घंटे अतिरिक्त (3 बजे तक) मरीज देखे गए।

बचाव के उपाय

  • गीले कपड़े देर तक न पहनें, शरीर को सूखा रखें।
  • बालों को सूखा रखें, तौलिए से बांधकर न रखें।
  • गला हुआ या बाहर रखा फल न खाएं, उबला हुआ पानी पिएं।
  • गंदगी में बिकने वाली खाद्य सामग्री से बचें।
  • कान में पानी जाने से रोकें, संक्रमण होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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