उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में धर्म परिवर्तन के आरोपी जमालुद्दीन उर्फ छांगुर की आलीशान कोठी को ध्वस्त करने का अभियान दूसरे दिन भी जोर-शोर से जारी है। मंगलवार को शुरू हुई कार्रवाई के बाद बुधवार सुबह 11 बजे से 10 बुलडोजरों ने अवैध निर्माण को ढहाना शुरू किया। तहसील प्रशासन ने इस कोठी के एक हिस्से को सरकारी जमीन पर अतिक्रमण मानकर कार्रवाई शुरू की है।
12 करोड़ की कोठी पर कार्रवाई
छांगुर ने मुंबई निवासी नीतू उर्फ नसरीन के नाम पर दो बीघे जमीन पर करीब 12 करोड़ रुपये की लागत से 40 कमरों की शानदार कोठी बनवाई थी। जांच में पता चला कि निर्माण के दौरान दो बिस्वा सरकारी जमीन पर भी कब्जा किया गया था। सोमवार को प्रशासन ने कोठी पर नोटिस चस्पा किया, जिसके बाद वहां रहने वाले लोग ताला लगाकर फरार हो गए। मंगलवार सुबह पुलिस और प्रशासन की टीम ने गैस कटर से ताला काटा और तीन बुलडोजरों के साथ ध्वस्तीकरण शुरू किया। मजबूत पिलरों वाली कोठी को गिराने के लिए बाद में दो और बुलडोजर मंगवाए गए। मंगलवार शाम तक आधा हिस्सा ही ढहाया जा सका।
दूसरे दिन 10 JCB लगाए गए
एसडीएम उतरौला राजेंद्र बहादुर ने बताया कि पोकलैंड मशीन न मिलने के कारण बुधवार को पांच और बुलडोजर बुलाए गए, जिससे कुल 10 JCB मशीनें कार्रवाई में लगीं। बारिश थमते ही सुबह 11 बजे से ध्वस्तीकरण तेज कर दिया गया। प्रशासन का कहना है कि अवैध अतिक्रमण को पूरी तरह हटाया जाएगा।
छांगुर प्रकरण में अब तक की कार्रवाई
यूपी एटीएस ने अगस्त 2024 में धर्मांतरण के आरोप में FIR दर्ज की थी, जिसमें 10 लोगों को आरोपी बनाया गया। छांगुर के बेटे महबूब और नवीन रोहरा उर्फ जमालुद्दीन को 8 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था। छांगुर और नीतू उर्फ नसरीन तब से फरार थे, जिन्हें 5 जुलाई को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया।
प्रशासन का बयान
जिलाधिकारी पवन अग्रवाल ने कहा, “धर्म परिवर्तन के आरोपी छांगुर द्वारा बनाए गए अवैध निर्माण को ध्वस्त किया जा रहा है। किसी भी अतिक्रमण को बख्शा नहीं जाएगा। मामले में शामिल सभी आरोपियों की जांच जारी है।”