बलरामपुर के जमालुद्दीन उर्फ छांगुर पीर को लेकर सनसनीखेज खुलासे हुए हैं। उत्तर प्रदेश एटीएस ने अवैध धर्मांतरण के आरोप में छांगुर को गिरफ्तार किया, जो दुबई से कट्टर मौलवियों को बुलाकर अपने गुर्गों को धर्मांतरण की ट्रेनिंग दिलवाता था। उसने हिंदू श्रमिकों और गरीब परिवारों को पैसे का लालच देकर धर्म परिवर्तन कराने का जाल बुना था। छांगुर की आलीशान कोठी में तहखाने जैसे कक्ष बनाए गए थे, जहां धर्मांतरण की साजिश रची जाती थी। उसकी किताब ‘शिजर-ए-तयब्बा’ का इस्तेमाल भी लोगों को इस्लाम की ओर आकर्षित करने के लिए किया गया। विदेशी फंडिंग के जरिए 100 करोड़ रुपये से अधिक की राशि उसके और उसके सहयोगियों के खातों में आई। बलरामपुर में उसकी अवैध कोठी पर बुलडोजर चला, और गोंडा में भी उसके नेटवर्क की जांच शुरू हो गई है।
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उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में अवैध धर्मांतरण के मामले में जमालुद्दीन उर्फ छांगुर पीर की गिरफ्तारी के बाद चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। उत्तर प्रदेश एटीएस की जांच में पता चला कि छांगुर ने एक सुनियोजित नेटवर्क बनाकर हिंदू समुदाय के गरीब और कमजोर वर्गों, खासकर महिलाओं और श्रमिकों को निशाना बनाया। वह दुबई से कट्टर मौलवियों को बुलाकर अपने गुर्गों को धर्मांतरण की ट्रेनिंग दिलवाता था। इसके लिए उसने मधपुर और उतरौला में दो आलीशान कोठियों का निर्माण कराया, जिनमें तहखाने जैसे गुप्त कक्ष बनाए गए थे।
धर्मांतरण की साजिश और ट्रेनिंग
छांगुर ने अपने नेटवर्क को मजबूत करने के लिए दुबई से कट्टर मौलवियों को बुलाया, जो उसके गुर्गों को धर्म परिवर्तन की तकनीक सिखाते थे। नेपाल में सक्रिय दावत-ए-इस्लामी की टीम भी इस मुहिम में शामिल थी। प्रशिक्षण में हिंदू देवी-देवताओं के प्रति घृणा फैलाने और इस्लाम को दुनिया का सबसे बड़ा धर्म बताने की रणनीति बनाई जाती थी। छांगुर ने ‘शिजर-ए-तयब्बा’ नामक किताब लिखी, जिसका उद्देश्य लोगों को इस्लाम की ओर आकर्षित करना था। इस किताब को वह गरीब और कमजोर वर्गों में बांटकर उनके दिमाग में इस्लाम को श्रेष्ठ बताने की कोशिश करता था।
आलीशान कोठी और गुप्त कक्ष
छांगुर ने मधपुर में 2022 में एक आलीशान कोठी का निर्माण शुरू किया, जिसमें तहखाने जैसे गुप्त कक्ष बनाए गए थे। इन कक्षों में धर्मांतरण की गतिविधियां चलाई जाती थीं। कोठी का निर्माण करने वाले वसीउद्दीन ने बताया कि छांगुर ने पहले दावा किया था कि वह एक विद्यालय और अस्पताल खोलना चाहता है, लेकिन बाद में संदिग्ध गतिविधियों का अंदेशा होने पर भी उसने झूठ बोलकर निर्माण कार्य पूरा कराया। इस कोठी में 20 कक्षों में नियमित तकरीर (धार्मिक प्रवचन) कराने की योजना थी। बलरामपुर प्रशासन ने इस कोठी के अवैध हिस्सों को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया, जिसमें 20 कमरे और एक 40 फीट लंबा हॉल शामिल था।
विदेशी फंडिंग का खेल
एटीएस की जांच में पता चला कि छांगुर और उसके सहयोगियों नीतू उर्फ नसरीन और नवीन उर्फ जमालुद्दीन के खातों में 100 करोड़ रुपये से अधिक की विदेशी फंडिंग आई। ये फंड खाड़ी देशों से आए, जिनका इस्तेमाल धर्मांतरण की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए किया गया। जांच में यह भी सामने आया कि उतरौला क्षेत्र के कुछ लोग, जो कभी विदेश नहीं गए, उनके खातों में भी विदेशी फंड आए, जो छांगुर के नेटवर्क से जुड़े थे। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छांगुर और उसके सहयोगियों के 40 बैंक खातों की जांच शुरू की है, जिनमें मध्य-पूर्व से हवाला के जरिए फंड आए।
गोंडा और अन्य क्षेत्रों में नेटवर्क
छांगुर का नेटवर्क केवल बलरामपुर तक सीमित नहीं था। गोंडा के धानेपुर क्षेत्र में रेतवागाड़ा के रमजान को उसने अपना सहयोगी बनाया था, जिसके जरिए वह वजीरगंज और नवाबगंज तक प्रभाव जमाने की कोशिश कर रहा था। एटीएस अब गोंडा में छांगुर के अड्डों की तलाश कर रही है, ताकि उसके अन्य सहयोगियों का पता लगाया जा सके। इसके अलावा, छांगुर का नेटवर्क उत्तर प्रदेश के सात जिलों और नेपाल सीमा से सटे क्षेत्रों में भी सक्रिय था।
हिंदू देवताओं के खिलाफ साजिश
छांगुर की योजना हिंदू देवी-देवताओं के प्रति घृणा फैलाने की थी। इसके लिए वह अपने गुर्गों को विशेष प्रशिक्षण देता था, जिसमें हिंदू धर्म के खिलाफ प्रचार और वेशभूषा बदलने की रणनीति शामिल थी। वह गरीब परिवारों को पैसे का लालच देकर और हिंदू धर्म के खिलाफ भ्रामक प्रचार करके उन्हें इस्लाम की ओर आकर्षित करता था।
बुलडोजर की कार्रवाई
बलरामपुर के मधपुर और उतरौला में छांगुर की अवैध कोठी पर प्रशासन ने बुलडोजर चलाया। तीन दिन तक चली इस कार्रवाई में कोठी के 20 कमरे, 40 फीट लंबा हॉल, और अन्य अवैध निर्माण ध्वस्त किए गए। प्रशासन ने कोठी को ग्राम सभा की जमीन पर अवैध रूप से बनाया गया घोषित किया था। इसके अलावा, छांगुर और उसके सहयोगियों की संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।
सामाजिक और कानूनी प्रभाव
छांगुर के इस नेटवर्क ने समाज में गहरी चिंता पैदा की है। अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने लखनऊ में इसके खिलाफ प्रदर्शन किया और इसे “लव जिहाद” का हिस्सा बताया। विश्व हिंदू रक्षा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल राय ने छांगुर के खिलाफ आवाज उठाने वालों को धमकियां मिलने की शिकायत की। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छांगुर की गतिविधियों को “राष्ट्र-विरोधी” करार देते हुए सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है।