आगरा में डीआईजी बंगले की जमीन बेचने की साजिश. तीन मुकदमे दर्ज

आगरा के बालूगंज में डीआईजी-आईजी के बंगले की बेशकीमती जमीन को बेचने की साजिश का खुलासा हुआ है. ठगों ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए जमीन का सौदा करने की कोशिश की, जिसके बाद रकाबगंज और नाई की मंडी थानों में तीन मुकदमे दर्ज किए गए. इसके बावजूद, पुलिस अभी तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकी है. पुलिस आयुक्त ने जांच की जिम्मेदारी अपर पुलिस आयुक्त को सौंपी है, और दस्तावेजों की पड़ताल जारी है

साजिश का खुलासा
बालूगंज में डीआईजी बंगले की छह बीघे से अधिक की जमीन पर ठगों ने नजर गड़ा दी. इस जमीन में नजूल भूमि के साथ एक खेवट भी शामिल है, जिसका नाम पहले हबीब उर रहमान के नाम पर था. बाद में खलीलुल रहमान का नाम जोड़ा गया. 14 फरवरी 2012 की एक वसीयत के आधार पर पांच लोगों ने जमीन का नामांतरण कराया, दावा करते हुए कि खलीलुल रहमान की मृत्यु हो चुकी है. इस नामांतरण से पहले दो फर्जी इकरारनामे किए गए. 16 मई को कोर्ट के आदेश पर नाई की मंडी थाने में दो मुकदमे दर्ज हुए, जिसमें इकबाल खां, इरशाद खां, फिरोज खां, दिलशाद खां और फैसल खां को आरोपी बनाया गया. तीसरा इकरारनामा सौरभ अग्रवाल और शाहिद रजा के नाम पर हुआ.

तीसरा मुकदमा और ठगी
रकाबगंज थाने में सौरभ बंसल ने एक और मुकदमा दर्ज कराया, जिसमें तीन अन्य आरोपियों पर गलत जमीन का सौदा करने और पैसे हड़पने का आरोप है. सौरभ ने दावा किया कि उनके साथ ठगी की गई, लेकिन उनके पास कोई वैध इकरारनामा नहीं था. इन तीनों मामलों में ठगों ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए जमीन बेचने की कोशिश की, लेकिन जांच में साजिश का पर्दाफाश हो गया. फिर भी, पुलिस की कार्रवाई अभी तक नाकाम रही है और कोई गिरफ्तारी नहीं हुई.

पुलिस की जांच
पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने तीनों मुकदमों की समीक्षा का जिम्मा अपर पुलिस आयुक्त रामबदन सिंह को सौंपा है. उनके निर्देश पर विवेचकों ने आरोपियों को नोटिस जारी किए हैं और जमीन के इकरारनामों से जुड़े दस्तावेज जुटाए जा रहे हैं. पुलिस का कहना है कि साक्ष्यों के आधार पर जल्द कार्रवाई की जाएगी. जांच में यह भी पता लगाया जा रहा है कि नामांतरण और इकरारनामों के पीछे कौन लोग शामिल थे और क्या यह साजिश किसी बड़े गिरोह का हिस्सा है.

जमीन घोटालों का बढ़ता खतरा
यह घटना आगरा में बढ़ते जमीन घोटालों की एक और कड़ी है. बेशकीमती सरकारी जमीनों को फर्जी दस्तावेजों के जरिए बेचने की कोशिशें पहले भी सामने आ चुकी हैं. इस मामले ने प्रशासन और पुलिस की सतर्कता पर सवाल उठाए हैं. स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि ऐसी साजिशों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं. पुलिस ने आश्वासन दिया है कि जांच में पारदर्शिता बरती जाएगी और दोषियों को जल्द पकड़ा जाएगा.

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