बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने उत्तर प्रदेश में सरकारी तबादलों में हो रहे भ्रष्टाचार पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर बयान जारी कर कहा कि विभिन्न विभागों में तबादलों के दौरान भ्रष्टाचार और हिस्सेदारी के आरोप आम हो गए हैं। मायावती ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस मामले में तत्काल कदम उठाने की मांग की है। उन्होंने सुझाव दिया कि भ्रष्टाचार की जांच के लिए विजिलेंस विभाग को सक्रिय करने के साथ-साथ एक समयबद्ध विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जाए। मायावती का कहना है कि ऐसी कार्रवाई न केवल जनहित में होगी बल्कि व्यवस्था में सुधार लाने में भी मददगार साबित होगी।
स्टांप विभाग में कार्रवाई। 210 तबादले रद्द
हाल ही में स्टांप एवं पंजीयन विभाग में तबादलों को लेकर भ्रष्टाचार की शिकायतें सामने आई थीं। स्टांप एवं पंजीयन राज्यमंत्री रवींद्र जायसवाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर महानिरीक्षक निबंधक (आईजी स्टांप) समीर वर्मा पर पैसे के लेनदेन के आरोप लगाए थे। इस शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समीर वर्मा को उनके पद से हटा दिया और उन्हें प्रतिक्षारत कर दिया। इसके साथ ही उनके द्वारा किए गए 210 तबादलों को भी रद्द कर दिया गया। मुख्यमंत्री ने इस मामले की गहन जांच के आदेश दिए हैं ताकि भ्रष्टाचार के आरोपों की सत्यता का पता लगाया जा सके।
प्रशासनिक सुधार की जरूरत
मायावती ने अपने बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश सहित देश के कई राज्यों में सरकारी कार्यों और तबादलों में भ्रष्टाचार की चर्चा आम है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अधिकारियों की मनमानी और भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए कठोर कदम उठाना जरूरी है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री को इस दिशा में जितनी जल्दी कार्रवाई करनी होगी, उतना ही बेहतर होगा। यह मामला न केवल प्रशासनिक पारदर्शिता पर सवाल उठाता है बल्कि सरकार की जवाबदेही को भी कटघरे में खड़ा करता है। मायावती ने इस मुद्दे को जनहित से जोड़ते हुए व्यवस्था में सुधार की जरूरत पर बल दिया।
भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की जरूरत
तबादलों में भ्रष्टाचार का यह मामला उत्तर प्रदेश में प्रशासनिक व्यवस्था की कमजोरियों को उजागर करता है। स्टांप विभाग में हुई कार्रवाई के बाद अन्य विभागों में भी ऐसी अनियमितताओं की जांच की मांग तेज हो रही है। मायावती की मांग से यह साफ है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर कार्रवाई और पारदर्शी व्यवस्था की जरूरत है। यह खबर कॉपीराइट मुक्त है और इसे वेबसाइट पर प्रकाशित किया जा सकता है।