100 से अधिक बेरोजगारों से ठगी. नामी कंपनियों का दिया झांसा
लखनऊ की बंथरा और सरोजनीनगर पुलिस ने दो फर्जी कॉल सेंटरों का पर्दाफाश कर नौ जालसाजों को गिरफ्तार किया है. इनके जरिए 100 से ज्यादा बेरोजगार युवाओं से नौकरी के नाम पर लाखों रुपये की ठगी की गई. गिरोह नामी कंपनियों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर पिछले दो साल से यह धंधा चला रहा था. गिरफ्तार आरोपियों में महिलाएं भी शामिल हैं.
पुलिस ने मंगलवार को कार्रवाई शुरू की. बंथरा पुलिस ने आजाद विहार कॉलोनी में एक मकान में चल रहे कॉल सेंटर पर छापा मारा. वहां से अजय प्रताप सिंह, संतोष कुमार, अमित सिंह, वैशाली सिंह और आरती सिंह को गिरफ्तार किया गया. मौके से 10 मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, चार पैन कार्ड, छह डेबिट कार्ड, तीन आधार कार्ड, तीन ई-श्रम कार्ड, छह पासबुक और दो चेकबुक बरामद हुए. दूसरी कार्रवाई सरोजनीनगर में कानपुर अंडरपास के पास एक बिल्डिंग में हुई. वहां से कुलदीप, प्रियंका, शालू और आंचल शर्मा पकड़े गए. पुलिस ने आठ मोबाइल फोन, पांच लैपटॉप, दो इंटरनेट डिवाइस और एक कार जब्त की.
डीसीपी साउथ निपुण अग्रवाल ने बताया कि गिरोह नोएडा की एक कंपनी से 15 हजार रुपये महीने में बेरोजगारों का बायोडाटा खरीदता था. इसके बाद टेलीकॉलिंग के जरिए युवाओं को एयर इंडिया, टाटा मोटर्स, टीसीएस और विस्तारा एयरलाइन जैसी कंपनियों में नौकरी का लालच दिया जाता था. दस्तावेज सत्यापन और पुलिस सत्यापन के नाम पर 10 से 20 हजार रुपये वसूल किए जाते थे. इसके बाद फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिया जाता था.
पुलिस की जांच में पता चला कि जालसाज फर्जी नाम और पते पर खरीदे गए सिम कार्ड और बैंक खातों का इस्तेमाल करते थे. राजस्थान के कोटा का रहने वाला राहुल इनके लिए फर्जी खाते उपलब्ध कराता था और बदले में 20 से 22 प्रतिशत कमीशन लेता था. एक अन्य जालसाज संदीप सिंह का नाम भी सामने आया है, जिसकी तलाश जारी है.
पुलिस ने युवाओं को सतर्क रहने की सलाह दी है. ऑनलाइन आवेदन करते समय संदिग्ध लिंक से बचें और व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से पहले सावधानी बरतें. नौकरी देने वाली कंपनियां कोई शुल्क नहीं लेतीं, इसलिए रुपये मांगने वालों से सावधान रहें. जिस कंपनी में नौकरी का दावा किया जा रहा हो, उससे सीधे संपर्क करें.