आगरा में नौकरी का लालच देकर 8.50 लाख की ठगी. फर्जी उर्वरक कंपनी ने बनाया शिकार

आगरा में एक युवक को उर्वरक कंपनी का रीजनल सेल्स मैनेजर बनाकर 8.50 लाख रुपये की ठगी का शिकार बनाया गया. फर्जी कंपनी ने डीएपी (उर्वरक) भेजने का वादा कर दुकानदारों से पैसे जमा करवाए, लेकिन न तो उर्वरक पहुंचा और न ही पैसा वापस किया गया. ठगी का अहसास होने पर पीड़ित ने सिकंदरा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जहां मामले की जांच शुरू हो गई है.

ठगी का जाल
सिकंदरा के हरदीप एन्क्लेव निवासी विजय प्रताप सिंह ने बताया कि 6 अप्रैल 2025 को उन्होंने ऑनलाइन टेस्ट देकर सरस्वती फर्टिलाइजर एंड केमिकल कंपनी (अतुल वायो केमिकल), अजमेर रोड, किशनगढ़ में नौकरी हासिल की. कंपनी के कथित एमडी दिनेश कुमार ने उन्हें उत्तर प्रदेश का रीजनल सेल्स मैनेजर नियुक्त किया और 68 हजार रुपये मासिक वेतन का वादा किया. विजय ने नौकरी शुरू की और कंपनी के निर्देश पर दुकानदारों से पैसे जमा करवाने लगे. उन्होंने राजपूत बीज भंडार और कुंवर कृषि फार्म, औरैया से सिक्योरिटी के तौर पर 42 हजार रुपये जमा करवाए. इसके अलावा, एस ट्रेडर्स से डीएपी के ट्रक की आधी कीमत के रूप में 7.21 लाख रुपये दिनेश कुमार के खाते में ट्रांसफर करवाए.

धोखाधड़ी का खुलासा
दुकानदारों को जब डीएपी के ट्रक नहीं मिले तो उन्होंने विजय से संपर्क किया. विजय ने कंपनी से बात करने की कोशिश की, लेकिन उनका नंबर ब्लॉक कर दिया गया. तब जाकर विजय को अहसास हुआ कि वह ठगी का शिकार हो गए हैं. कुल मिलाकर 8.50 लाख रुपये की रकम हड़प ली गई. निराश विजय ने सिकंदरा थाने में शिकायत दर्ज कराई. थाना प्रभारी ने बताया कि मामले में साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं और जल्द ही आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

फर्जी नौकरी का लालच
यह मामला उन साइबर ठगी की घटनाओं का हिस्सा है, जिसमें लोगों को आकर्षक नौकरी का लालच देकर उनके जरिए दूसरों से पैसे ऐंठे जाते हैं. ठग ऐसी फर्जी कंपनियां बनाते हैं, जो कागजों में तो वैध दिखती हैं, लेकिन असल में उनका कोई अस्तित्व नहीं होता. विजय जैसे लोग, जो अच्छी नौकरी की तलाश में होते हैं, आसानी से इनके जाल में फंस जाते हैं. इस मामले में ठगों ने न केवल विजय को ठगा, बल्कि उनके जरिए दुकानदारों को भी नुकसान पहुंचाया.

पुलिस की जांच और सलाह
सिकंदरा पुलिस ने धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. पुलिस बैंक खातों की डिटेल्स और फर्जी कंपनी के नंबरों की पड़ताल कर रही है. साथ ही, यह भी जांचा जा रहा है कि कहीं और भी इस तरह की ठगी तो नहीं हुई. पुलिस ने लोगों से अपील की है कि ऑनलाइन नौकरी के ऑफर पर आंख मूंदकर भरोसा न करें. किसी भी कंपनी में नौकरी जॉइन करने से पहले उसकी विश्वसनीयता की जांच करें और पैसे ट्रांसफर करने से पहले पूरी सावधानी बरतें. इस घटना ने एक बार फिर साइबर ठगी के बढ़ते खतरे को उजागर किया है.

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