आगरा। आगरा के राजा की मंडी स्थित जाट हाउस (महाराजा सूरजमल इंटर कॉलेज) को अवैध कब्जों से मुक्त कराने और इसके ऐतिहासिक गौरव को पुनर्जनन करने के लिए जाट समाज के वरिष्ठ बुद्धिजीवियों ने एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की है। 60 वर्ष से अधिक आयु के ये प्रबुद्धजन, जिन्होंने जीवनभर निःस्वार्थ समाज सेवा की और अब राजनीति से दूर हैं, इस धरोहर को संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता कुंवर शैलराज सिंह ने समाज के इन बुजुर्गों की ओर से बताया कि वे जाट हाउस को कब्जों से मुक्त कराने और इसके पुनरुद्धार के लिए आर्थिक सहयोग देने को तैयार हैं, लेकिन वे किसी भी पद को स्वीकार नहीं करेंगे। उनकी इच्छा है कि यह कार्य युवाओं के नेतृत्व में शांतिपूर्ण ढंग से पूरा हो।
रक्षाबंधन के बाद बृहद बैठक का आयोजन
कुंवर शैलराज सिंह ने आगरा के सभी युवा जाटों से अपील की है कि वे रक्षाबंधन के बाद जाट हाउस में एक बृहद बैठक आयोजित करें। इस बैठक में ‘जाट हाउस बचाओ संघर्ष समिति’ का गठन किया जाएगा, जिसमें 50 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति पदाधिकारी नहीं होगा। इस समिति का उद्देश्य शांति और संगठन के साथ जाट हाउस को अवैध कब्जों से मुक्त कराना, इसका कायाकल्प करना और भविष्य में इसका संचालन युवाओं के हाथों में सौंपना होगा। इसका लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले छात्र-छात्राओं और बाहरी आगंतुकों के लिए आवासीय सुविधा उपलब्ध कराना है।
शांतिपूर्ण पुनरुद्धार और भावुक अपील
शैलराज सिंह ने जोर देकर कहा कि संघर्ष समिति को बिना किसी विवाद के, शांतिपूर्ण तरीके से जाट हाउस का पुनरुद्धार करना होगा। उन्होंने युवाओं से इस मुहिम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने का आह्वान किया है। अपने भावुक संदेश में उन्होंने कहा कि जीवन के अंतिम पड़ाव पर ये बुजुर्ग दिल से आभारी होंगे यदि युवा इस ऐतिहासिक धरोहर को बचाने के लिए एकजुट होंगे। यह पहल न केवल जाट हाउस के गौरव को पुनर्जनन देगी, बल्कि समाज की एकता और युवा शक्ति को भी प्रदर्शित करेगी।