लखनऊ में सात साल की मासूम की गला दबाकर हत्या: मां पर शक की सुई, पति को छोड़ प्रेमी के साथ रह रही थी, पुलिस जांच में जुटी

लखनऊ के कैसरबाग क्षेत्र में 15 जुलाई 2025 की सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जिसमें सात साल की एक मासूम बच्ची की गला दबाकर हत्या कर दी गई। शक की सुई बच्ची की मां रोशनी खान पर टिकी है, जो अपने पति शाहरुख खान को छोड़कर अपने प्रेमी उदित जायसवाल के साथ रह रही थी। रोशनी ने पुलिस को सूचना दी कि उसकी बेटी की हत्या हो गई है, लेकिन प्रारंभिक जांच में गला दबाकर हत्या का मामला सामने आया है। रोशनी अपने पति पर हत्या का आरोप लगा रही है, जबकि पुलिस ने उसे और अन्य लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है, और पुलिस गहन जांच कर रही है।

विस्तार

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मंगलवार, 15 जुलाई 2025 की सुबह कैसरबाग के खंदारी बाजार में एक सात साल की बच्ची की हत्या की खबर ने लोगों को स्तब्ध कर दिया। बच्ची की मां रोशनी खान, जो अपने पति शाहरुख खान को छोड़कर अपने प्रेमी उदित जायसवाल के साथ रह रही थी, ने सुबह डायल 112 पर कॉल करके पुलिस को अपनी बेटी की हत्या की सूचना दी। प्रारंभिक जांच में पुलिस को संदेह है कि बच्ची की हत्या गला दबाकर की गई, और इस मामले में शक की सुई रोशनी पर टिकी है। हालांकि, रोशनी ने अपने पति शाहरुख पर हत्या का आरोप लगाया है। पुलिस ने रोशनी, उदित, और अन्य संबंधित लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।

घटना का विवरण

घटना कैसरबाग थाना क्षेत्र के खंदारी बाजार की है। रोशनी खान अपनी सात साल की बेटी के साथ अपने प्रेमी उदित जायसवाल के घर में रह रही थी। स्थानीय लोगों के अनुसार, रोशनी ने कुछ समय पहले अपने पति शाहरुख खान से अलग होने का फैसला किया था और अपनी बेटी को लेकर उदित के साथ रहने लगी थी। मंगलवार सुबह, रोशनी ने डायल 112 पर कॉल करके बताया कि उसकी बेटी की हत्या कर दी गई है। पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और बच्ची के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। प्रारंभिक जांच में पता चला कि बच्ची की मौत गला दबाने से हुई है।

पुलिस की जांच

कैसरबाग थाने के इंस्पेक्टर अंजनी कुमार मिश्रा ने बताया कि रोशनी खान की कॉल के आधार पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। घटनास्थल पर पहुंचकर पुलिस ने शव का मुआयना किया और परिजनों व पड़ोसियों से पूछताछ शुरू की। प्रारंभिक जांच में गला दबाकर हत्या की पुष्टि हुई है, और शक की सुई रोशनी खान पर टिकी है। पुलिस ने रोशनी, उदित जायसवाल, और अन्य संदिग्धों को हिरासत में लिया है। इंस्पेक्टर ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और साक्ष्यों के आधार पर मामले की गहन जांच की जा रही है। रोशनी का दावा है कि उसका पति शाहरुख इस हत्या के लिए जिम्मेदार है, लेकिन पुलिस सभी पहलुओं की जांच कर रही है।

सामाजिक और पारिवारिक पृष्ठभूमि

इस घटना ने न केवल खंदारी बाजार, बल्कि पूरे लखनऊ में सनसनी फैला दी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि रोशनी और शाहरुख के बीच लंबे समय से वैवाहिक विवाद चल रहा था, जिसके कारण रोशनी ने अपने पति को छोड़ दिया था। रोशनी की बेटी अपनी मां के साथ उदित के घर में रह रही थी, और इस दौरान परिवार में तनाव की स्थिति थी। पड़ोसियों ने बताया कि रोशनी और उदित के रिश्ते को लेकर क्षेत्र में पहले भी चर्चाएं हो चुकी थीं, लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि यह तनाव एक मासूम की हत्या तक पहुंच जाएगा।

सामाजिक प्रभाव और चिंता

इस घटना ने समाज में कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं, खासकर पारिवारिक विवादों और बच्चों की सुरक्षा को लेकर। सामाजिक कार्यकर्ता शालिनी तिवारी ने कहा, “यह घटना दर्शाती है कि पारिवारिक विवादों का बच्चों पर कितना गहरा असर पड़ता है। माता-पिता के बीच तनाव बच्चों के लिए खतरनाक हो सकता है।” उन्होंने प्रशासन से मांग की कि बच्चों की सुरक्षा के लिए विशेष कदम उठाए जाएं और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाएं। स्थानीय निवासियों ने भी इस घटना की निंदा की और मासूम बच्ची की हत्या पर गहरा दुख जताया।

कानूनी कार्रवाई

पुलिस ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया है। रोशनी खान, उदित जायसवाल, और अन्य संदिग्धों से पूछताछ जारी है। पुलिस शाहरुख खान से भी संपर्क करने की कोशिश कर रही है ताकि उनके बयान दर्ज किए जा सकें। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आने के बाद हत्या के कारणों और परिस्थितियों के बारे में और जानकारी मिलने की उम्मीद है। इंस्पेक्टर मिश्रा ने बताया कि सभी साक्ष्यों और गवाहों के बयानों के आधार पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

घरेलू विवाद और बच्चों पर प्रभाव

उत्तर प्रदेश में घरेलू विवादों और पारिवारिक तनाव के कारण बच्चों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं समय-समय पर सामने आती रही हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार, 2024 में उत्तर प्रदेश में बच्चों के खिलाफ अपराध के 15,000 से अधिक मामले दर्ज किए गए, जिनमें से कई पारिवारिक विवादों से जुड़े थे। इस घटना ने एक बार फिर समाज और प्रशासन के सामने यह सवाल खड़ा किया है कि बच्चों की सुरक्षा और पारिवारिक विवादों को सुलझाने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए।

प्रशासन और समाज के लिए सबक

यह घटना बच्चों की सुरक्षा और पारिवारिक विवादों के समाधान के लिए त्वरित हस्तक्षेप की जरूरत को रेखांकित करती है। सामाजिक संगठनों ने मांग की है कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बच्चों और महिलाओं के लिए काउंसलिंग सेंटर और हेल्पलाइन की सुविधा बढ़ाई जाए। इसके अलावा, पुलिस को ऐसी शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करने के लिए और सख्त दिशानिर्देश दिए जाने चाहिए। स्थानीय समुदाय को भी बच्चों की सुरक्षा के प्रति जागरूक होने और संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी पुलिस को देने की जरूरत है।

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