व्हाइट हाउस में आसिम मुनीर का स्वागत
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर की अमेरिका यात्रा ने क्षेत्रीय कूटनीति में हलचल मचा दी है। बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन्हें व्हाइट हाउस में निजी लंच के लिए आमंत्रित किया। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब ईरान-इस्राइल तनाव के बीच क्षेत्रीय समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, इस मुलाकात में क्षेत्रीय सुरक्षा और ईरान पर चर्चा हुई। मुनीर की इस यात्रा को भारत के लिए कूटनीतिक झटके के रूप में देखा जा रहा है, खासकर तब जब हाल ही में ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ फोन पर बात की थी।
मुनीर का भारत पर बयान
जनरल मुनीर ने अपनी यात्रा के दौरान भारत को लेकर तीखा बयान दिया। उन्होंने कहा कि भारत की क्षेत्रीय नीतियां आक्रामक हैं और पाकिस्तान किसी भी स्थिति में दबाव में नहीं झुकेगा। सूत्रों के मुताबिक, मुनीर ने 9-10 मई की रात को भारत की जवाबी कार्रवाई का जिक्र किया, जिसमें पाकिस्तान को भारी नुकसान हुआ था। उन्होंने ट्रंप के साथ चर्चा में भारत की भूमिका को क्षेत्रीय अस्थिरता का कारण बताया। यह बयान भारत-पाक संबंधों में तनाव को और बढ़ा सकता है।
भारत की प्रतिक्रिया और कूटनीतिक हलचल
मुनीर की यात्रा और ट्रंप के साथ उनकी मुलाकात ने भारत में सियासी बहस छेड़ दी है। कांग्रेस ने इसे भारतीय कूटनीति के लिए झटका करार दिया, जबकि बीजेपी ने दावा किया कि भारत ने ट्रंप के साथ हालिया बातचीत में अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी थी। सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी ने ट्रंप को फोन पर भारत की मजबूत जवाबी कार्रवाई के बारे में बताया था। भारत ने यह भी सुनिश्चित किया कि ट्रंप और मुनीर की मुलाकात उसी दिन न हो, जिस दिन मोदी जी7 शिखर सम्मेलन में थे। यह कदम भारत की कूटनीतिक रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
क्षेत्रीय प्रभाव और भविष्य
मुनीर की यात्रा ने ईरान के साथ बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने की कोशिश को दर्शाया है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप का यह कदम ईरान पर दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा हो सकता है। हालांकि, भारत ने इस मुलाकात को लेकर सतर्क रुख अपनाया है। सोशल मीडिया पर भी इस मुलाकात की चर्चा जोरों पर है, जहां कुछ इसे भारत के लिए अपमान के रूप में देख रहे हैं। यह मुलाकात क्षेत्रीय शक्ति संतुलन पर लंबे समय तक असर डाल सकती है।