सत्यपाल मलिक की अस्पताल से हिम्मत भरी पोस्ट: CBI चार्जशीट के बीच बोले- ‘फिर वही जोश और हिम्मत’

  • राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती मलिक ने युवाओं को दिया धन्यवाद, जल्द स्वस्थ होने का जताया भरोसा
  • किरु जल विद्युत परियोजना में CBI चार्जशीट, विपक्ष ने बताया साजिश
  • राहुल गांधी, अखिलेश यादव और संजय सिंह ने जताई चिंता, सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक इन दिनों गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के कारण दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती हैं. उनकी स्थिति नाजुक बताई जा रही है, क्योंकि वह यूरिनरी इन्फेक्शन और सेप्सिस का इलाज करा रहे हैं और डायलिसिस पर हैं. इस बीच, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 22 मई 2025 को किरु जल विद्युत परियोजना में 2200 करोड़ रुपये के कथित घोटाले में उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें सात अन्य लोग भी नामजद हैं. अस्पताल में भर्ती होने के बावजूद मलिक ने अपने आधिकारिक X अकाउंट पर एक भावुक पोस्ट साझा की, जिसमें उन्होंने युवाओं का हौसला बढ़ाया और जल्द स्वस्थ होकर किसानों व बेरोजगारों के लिए लड़ने का वादा किया।

मलिक की X पोस्ट
सत्यपाल मलिक ने अपने X अकाउंट पर राजस्थान यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष निर्मल चौधरी और अन्य युवाओं को धन्यवाद देते हुए लिखा, “आज आप युवाओं से मिलकर शरीर में वही जोश व हिम्मत आ गई जो किसान मसीहा चौधरी चरण सिंह जी के समय मेरे अंदर थी. मैं जल्द ही स्वस्थ होकर जनता के बीच जाऊंगा और बेरोजगार युवाओं व किसानों के मुद्दे उठाऊंगा.” इस पोस्ट ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी, जिसमें उनके समर्थक उन्हें एक निडर नेता के रूप में देख रहे हैं, जबकि कुछ ने CBI की कार्रवाई को साजिश करार दिया।

CBI चार्जशीट और विवाद
CBI ने किरु हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट (किश्तवाड़, जम्मू-कश्मीर) में 2200 करोड़ रुपये के सिविल वर्क्स कॉन्ट्रैक्ट में कथित अनियमितताओं के लिए सत्यपाल मलिक, उनके सहयोगियों वीरेंद्र राणा और कंवर सिंह राणा, चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (CVPPPL) के पूर्व अधिकारियों एम.एस. बाबू, अरुण कुमार मिश्रा, एम.के. मित्तल, और पैटल इंजीनियरिंग लिमिटेड के प्रबंध निदेशक रूपेन पटेल (मृत) व निजी व्यक्ति कंवलजीत सिंह दुग्गल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. CBI का आरोप है कि प्रोजेक्ट के लिए ई-टेंडरिंग और रिवर्स ऑक्शन की प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया, जिससे पैटल इंजीनियरिंग को अनुचित लाभ पहुंचा।

मलिक ने दावा किया था कि 2018-19 में जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में कार्यकाल के दौरान उन्हें इस प्रोजेक्ट से संबंधित फाइलें मंजूर करने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसकी जानकारी दी. मलिक के सहयोगी कंवर सिंह राणा ने चार्जशीट को “शुद्ध उत्पीड़न” करार दिया और कहा कि मलिक ही इस मामले में शिकायतकर्ता थे.

विपक्ष का समर्थन
23 मई 2025 को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राम मनोहर लोहिया अस्पताल में मलिक से मुलाकात की और उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की. समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी मलिक के स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताई. आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने CBI की चार्जशीट की टाइमिंग पर सवाल उठाते हुए इसे “निर्दयी” कदम बताया. सिंह ने X पर लिखा, “मोदी सरकार निर्दयी है. एक तरफ सत्यपाल मलिक अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं, दूसरी तरफ CBI ने उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की.”

विपक्षी नेताओं का कहना है कि मलिक 2019 के पुलवामा हमले पर सवाल उठाने और किसान आंदोलन का समर्थन करने के कारण केंद्र सरकार के निशाने पर हैं. मलिक ने पहले दावा किया था कि पुलवामा हमले में खामियां थीं और उन्होंने भ्रष्टाचार के कई मामलों को उजागर किया था. विपक्ष इसे CBI की कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध के रूप में देख रहा है.

मलिक का स्वास्थ्य और जनता का समर्थन
मलिक 11 मई 2025 से राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती हैं, जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है. उनके दोनों किडनी फेल होने और डायलिसिस की खबरों ने समर्थकों में चिंता बढ़ा दी है. फिर भी, मलिक ने अस्पताल से अपनी लड़ाई जारी रखने का संकल्प जताया है. सोशल मीडिया पर उनके समर्थक उन्हें “किसान मसीहा” बता रहे हैं और CBI की कार्रवाई की निंदा कर रहे हैं.

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