आगरा में ताजमहल के यलो जोन में हाल ही में हुई फायरिंग की घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए। इस घटना के बाद, जिसमें एक आरोपी ने बैरियर पर गोलीबारी की और फिर भाग निकला, पुलिस ने यलो जोन के बाहर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने का निर्णय लिया है। इस कदम का उद्देश्य ऐसी घटनाओं को रोकना और ताजमहल की सुरक्षा को और अधिक अभेद्य बनाना है।
ताजमहल का रेड जोन पहले से ही कड़ी सुरक्षा के घेरे में है, जहां केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) और उत्तर प्रदेश पुलिस तैनात हैं। हालांकि, 500 मीटर से बाहर का क्षेत्र, जिसे यलो जोन कहा जाता है, स्थानीय थाना पुलिस की जिम्मेदारी में आता है। 30 जून को पश्चिमी गेट के बैरियर पर आजमगढ़ निवासी पंकज कुमार उर्फ पंकज कौशिक ने प्रवेश से रोकने पर तीन गोलियां चलाईं और फरार हो गया। उसने अपनी कार छोड़कर दूसरी गाड़ी से आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के रास्ते लखनऊ की ओर भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उसे लखनऊ में गिरफ्तार कर लिया। इस घटना ने सुरक्षा में कमी को उजागर किया, क्योंकि आरोपी इतनी दूर तक भागने में सफल रहा।
इस कमी को दूर करने के लिए अब ताजमहल के सुरक्षा प्लान में यलो जोन के बाहर की व्यवस्था को भी शामिल किया जा रहा है। ताजगंज, छत्ता और रकाबगंज थानों की पुलिस अब समन्वय के साथ काम करेगी। ताजगंज पुलिस के संदेश मिलते ही अन्य दो थानों के पुलिसकर्मी तुरंत सक्रिय हो जाएंगे, ताकि किसी भी आपराधिक गतिविधि को अंजाम देने वालों को तत्काल पकड़ा जा सके। डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने बताया कि ताजमहल के यलो जोन में त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था पहले से मौजूद है। अब अन्य थानों के साथ समन्वय के लिए एक व्यापक एसओपी तैयार की जा रही है, जो भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने में मदद करेगी।
फायरिंग के आरोपी पंकज को गुरुवार को जमानत मिल गई। सीजेएम कोर्ट ने 20-20 हजार रुपये के दो जमानतियों और व्यक्तिगत बंधपत्र पर उसकी रिहाई का आदेश दिया। आरोपी के वकील ने तर्क दिया कि उसने कोई अपराध नहीं किया और उसे झूठा फंसाया गया। हालांकि, अभियोजन पक्ष ने जमानत का विरोध किया था। यह घटना ताजमहल की सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंताओं को दर्शाती है, खासकर तब जब हाल के महीनों में ड्रोन हमलों और अन्य खतरों के मद्देनजर सुरक्षा को और मजबूत किया गया है। नई एसओपी लागू होने के बाद ताजमहल का यलो जोन और सुरक्षित होगा, जिससे इस विश्व धरोहर की रक्षा सुनिश्चित की जा सके।