- अचानक संन्यास के ऐलान ने चौंकाया, 16 साल के शानदार करियर पर लगा विराम
- 8,167 रन, 16 शतक और 33 विकेट: मैथ्यूज का टेस्ट क्रिकेट में अविस्मरणीय योगदान
- बांग्लादेश के खिलाफ आखिरी टेस्ट, मैथ्यूज ने भावुक पोस्ट में जताया आभार
हाल ही में भारतीय क्रिकेट के दो दिग्गजों, रोहित शर्मा और विराट कोहली के टेस्ट संन्यास की खबरों ने क्रिकेट जगत को हिलाकर रख दिया था. अब एक और सनसनीखेज खबर ने फैंस को हैरान कर दिया है. श्रीलंका के अनुभवी ऑलराउंडर एंजेलो मैथ्यूज ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया है. इस खबर ने श्रीलंकाई क्रिकेट को गहरा झटका दिया है, क्योंकि मैथ्यूज लंबे समय से उनकी टीम के मजबूत स्तंभ रहे हैं।
एंजेलो मैथ्यूज का शानदार टेस्ट करियर
एंजेलो मैथ्यूज ने 2009 में पाकिस्तान के खिलाफ गाले में अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की थी. 16 साल के लंबे करियर में उन्होंने 118 टेस्ट मैचों में 44.63 की शानदार औसत से 8,167 रन बनाए. इस दौरान उनके बल्ले से 16 शतक और 45 अर्धशतक निकले, जिसमें 200 रन उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर रहा. बल्लेबाजी के साथ-साथ मैथ्यूज ने गेंदबाजी में भी योगदान दिया और 33 टेस्ट विकेट अपने नाम किए. वह श्रीलंका के लिए तीसरे सबसे ज्यादा टेस्ट रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं, जो दिग्गज कुमार संगकारा और महेला जयवर्धने के बाद इस सूची में शामिल हैं।
भावुक विदाई संदेश
मैथ्यूज ने सोशल मीडिया पर अपने संन्यास की घोषणा करते हुए एक भावुक पोस्ट साझा की. उन्होंने लिखा, “मेरे प्यारे दोस्तों और परिवार, अब मेरे लिए टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने का समय आ गया है. श्रीलंका के लिए 17 साल तक खेलना मेरे लिए सर्वोच्च सम्मान रहा. राष्ट्रीय जर्सी पहनने की भावना अतुलनीय है. मैंने क्रिकेट को सब कुछ दिया, और क्रिकेट ने मुझे वह इंसान बनाया जो मैं आज हूं.” उन्होंने यह भी बताया कि जून में बांग्लादेश के खिलाफ उनका आखिरी टेस्ट मैच होगा।
श्रीलंकाई क्रिकेट के लिए बड़ा नुकसान
मैथ्यूज का संन्यास श्रीलंकाई क्रिकेट के लिए एक बड़ा झटका है. उनकी अनुभवी मौजूदगी और ऑलराउंड प्रदर्शन ने कई बार टीम को मुश्किल परिस्थितियों से निकाला. फैंस और क्रिकेट पंडित इस खबर से स्तब्ध हैं, लेकिन मैथ्यूज के शानदार योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।