आरपीएफ ने शुरू की जांच. सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे
लखनऊ. अयोध्या से आनंदविहार जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस पर शनिवार शाम चारबाग आउटर स्टेशन के पास पथराव की घटना ने यात्रियों में दहशत फैला दी. पत्थरबाजी से ट्रेन की चेयरकार बोगी सी-11 की खिड़की का शीशा टूट गया. यह घटना आलमबाग पश्चिम केबिन के पास हुई, जब ट्रेन चारबाग स्टेशन से रवाना होकर कुछ ही दूरी पर थी. यात्रियों ने तुरंत इसकी शिकायत रेलवे सुरक्षा बल से की, जिसके बाद आरपीएफ ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. इस घटना ने एक बार फिर वंदे भारत जैसी वीआईपी ट्रेनों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं.
घटना के दौरान ट्रेन की बोगी सी-11 में सीट नंबर 30, 31 और 32 के पास बैठे यात्रियों ने अचानक पत्थर लगने की आवाज सुनी. पत्थर इतनी जोर से लगा कि खिड़की का शीशा चकनाचूर हो गया. इससे बोगी में बैठे यात्री डर गए. एक यात्री निर्मेष ने तुरंत आरपीएफ कंट्रोल रूम में शिकायत दर्ज कराई. आरपीएफ ने घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालनी शुरू की है, ताकि पत्थरबाजों की पहचान की जा सके. यह पहली बार नहीं है, जब वंदे भारत ट्रेन पर पथराव हुआ हो. इससे पहले प्रयागराज और मेरठ जैसे शहरों में भी इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जहां आरपीएफ ने कई पत्थरबाजों को गिरफ्तार किया था.
इसके अलावा, लखनऊ में रेल यात्रियों से जुड़ी अन्य समस्याएं भी सामने आई हैं. शनिवार को लखनऊ जंक्शन से नई दिल्ली जाने वाली शताब्दी एक्सप्रेस में ऑनबोर्ड हाउसकीपिंग कर्मचारियों की लापरवाही के कारण गेट समय पर नहीं खुल सका. इससे करीब 600 यात्री बारिश में प्लेटफॉर्म पर इंतजार करने को मजबूर हुए. यात्री कृष्ण कुमार ने इसकी शिकायत रेलवे प्रशासन से की है. एक अन्य मामले में, लखनऊ-वाराणसी शटल ट्रेन की चेयरकार बोगी में सीट नंबर 74 और 75 का गलत रिजर्वेशन होने से यात्रियों को परेशानी हुई. यात्री सुनव बासु बिस्वास ने बताया कि ऑनलाइन बुकिंग के बावजूद ट्रेन में ये सीटें मौजूद नहीं थीं.
इसके साथ ही, लखनऊ-कानपुर रूट की ट्रेनों में किन्नरों द्वारा जबरन वसूली की शिकायतें भी बढ़ रही हैं. हावड़ा-अमृतसर पंजाब मेल की स्लीपर बोगी में एक यात्री ने किन्नरों द्वारा अभद्रता का वीडियो बनाकर आरपीएफ को सौंपा है. इन घटनाओं ने रेलवे प्रशासन की कार्यप्रणाली और यात्रियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं.