आगरा में यातायात नियम तोड़ने पर सख्ती. 45 ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित

आगरा में सड़क सुरक्षा को लेकर मंडलायुक्त शैलेंद्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में संभागीय परिवहन विभाग ने दो महीने की कार्रवाई की रिपोर्ट पेश की. पिछले दो महीनों में यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले 45 वाहन चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित किए गए. ओवरलोड वाहनों और अनियमित स्कूली बसों पर भी सख्त कार्रवाई हुई. मंडलायुक्त ने डंपिंग यार्ड के लिए जमीन उपलब्ध कराने और यातायात जागरूकता अभियान को बढ़ाने के निर्देश दिए

यातायात नियमों पर कार्रवाई
एआरटीओ (प्रवर्तन) आलोक कुमार ने बताया कि अप्रैल और मई में आगरा में 45, फिरोजाबाद में 20, मैनपुरी में 18 और मथुरा में 63 चालकों के लाइसेंस निलंबित किए गए. इन चालकों पर सीट बेल्ट न पहनने, हेलमेट न लगाने और गलत दिशा में वाहन चलाने जैसे उल्लंघन के आरोप थे. इस दौरान मंडल भर में 1356 ओवरलोड वाहनों के चालान काटे गए, जिनसे चार करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना वसूला गया. इसके अलावा, 44 स्कूली बसों और 134 निजी वाहनों पर कार्रवाई हुई, जो बिना अनुमति स्कूली बच्चों को ढो रहे थे.

सड़क सुरक्षा के लिए नए कदम
मंडलायुक्त ने ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता जताई और पुलिस को दुर्घटना डेटा परिवहन विभाग के साथ साझा करने का निर्देश दिया. इससे ब्लैक स्पॉट चिह्नित किए जाएंगे. डंपिंग यार्ड की कमी के कारण जब्त वाहनों को रखने की समस्या को हल करने के लिए चारों जिलों में जमीन तलाशने के आदेश दिए गए. डीआईजी शैलेश कुमार पांडेय ने सुझाव दिया कि यातायात जागरूकता अभियान को कॉलोनियों और सोसायटियों तक ले जाया जाए, ताकि ज्यादा लोग नियमों का पालन करें.

गुड सेमेरिटन योजना का प्रचार
बैठक में गुड सेमेरिटन योजना को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया. इस योजना के तहत गोल्डन ऑवर में दुर्घटना पीड़ितों की मदद करने वाले दो लोगों को 25 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जा चुकी है. मंडलायुक्त ने इस योजना के बैनर सरकारी अस्पतालों और पोस्टमार्टम हाउस के पास लगाने के निर्देश दिए. हिट एंड रन मामलों का डेटा तैयार करने की भी बात कही गई. यह योजना लोगों को दुर्घटना पीड़ितों की सहायता के लिए प्रेरित करती है और सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देती है.

आगे की योजना
परिवहन विभाग और पुलिस अब संयुक्त रूप से सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए काम करेंगे. जागरूकता अभियान और सख्त कार्रवाई के जरिए यातायात नियमों का पालन सुनिश्चित करने की कोशिश हो रही है. मंडलायुक्त ने सभी संबंधित विभागों को आपसी समन्वय के साथ काम करने और सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए.

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