- टीथर्ड ड्रोन से 12-14 घंटे रेड, यलो, ग्रीन जोन की निगरानी, हाई-रिजॉल्यूशन कैमरे से संदिग्धों पर नजर
- 30 मई को लगा एंटी-ड्रोन सिस्टम, 500 मीटर दायरे में ड्रोन गिराने की क्षमता, CISF की 24×7 मॉनिटरिंग
- रेड जोन में CCTV की संख्या 55 से बढ़कर 150, यलो जोन में पुलिसकर्मियों की तैनाती बढ़ाने की योजना
आगरा में ताजमहल की सुरक्षा को और अभेद्य बनाने के लिए हाई-टेक उपायों की शुरुआत हो रही है। 30 मई 2025 को एंटी-ड्रोन सिस्टम लगाए जाने के बाद अब टीथर्ड ड्रोन तैनात किया जाएगा, जो रेड, यलो, और ग्रीन जोन में 12-14 घंटे तक हाई-रिजॉल्यूशन कैमरों से हर गतिविधि पर नजर रखेगा। यह ड्रोन दिन-रात संदिग्धों की मॉनिटरिंग करेगा। इसके साथ ही, रेड जोन में CCTV कैमरों की संख्या 55 से बढ़ाकर 150 की जा रही है, और यलो जोन में पुलिसकर्मियों की तैनाती बढ़ाई जा रही है। एंटी-ड्रोन सिस्टम 500 मीटर के दायरे में ड्रोन को निष्क्रिय कर सकता है और 8 किमी की रेंज में ऑपरेटर की लोकेशन ट्रेस कर सकता है। CISF की 10 जवान की टीम 24 घंटे इस सिस्टम की निगरानी कर रही है। हाल के आतंकी हमलों और सैन्य तनाव के मद्देनजर ये कदम ताजमहल को हवाई खतरों से सुरक्षित रखने के लिए उठाए गए हैं।
टीथर्ड ड्रोन की खासियत
टीथर्ड ड्रोन एक विशेष ड्रोन है, जो रस्सी से बंधा होता है और एक बार में 12-14 घंटे तक उड़ सकता है। इसमें लगे हाई-रिजॉल्यूशन कैमरे ताजमहल के रेड, यलो, और ग्रीन जोन में संदिग्ध गतिविधियों को रिकॉर्ड करेंगे। इसका दो बार सफल ट्रायल हो चुका है, और जल्द ही इसे ताजमहल परिसर में स्थापित किया जाएगा। डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने बताया कि इस ड्रोन से मिलने वाले वीडियो और फोटो पुलिस को सुरक्षा व्यवस्था में महत्वपूर्ण मदद देंगे।
एंटी-ड्रोन सिस्टम की तैनाती
30 मई 2025 को ताजमहल में एंटी-ड्रोन सिस्टम स्थापित किया गया, जो रेडियो फ्रीक्वेंसी और GPS सिग्नल जैमिंग तकनीक से 500 मीटर के दायरे में ड्रोन को गिरा सकता है। यह सिस्टम 8 किमी की रेंज में ड्रोन के ऑपरेटर की लोकेशन और पहचान का पता लगा सकता है। मथुरा से आई विशेषज्ञ टीम ने CISF के 6 जवानों और ताज सुरक्षा पुलिस के 6 सिपाहियों को इसकी ट्रेनिंग दी।
CCTV और पुलिस बल में बढ़ोतरी
ताजमहल के रेड जोन में पहले से 55 CCTV कैमरे लगे हैं, जिनकी संख्या अब 150 तक बढ़ाई जा रही है। यलो जोन में पुलिसकर्मियों की तैनाती बढ़ाने की योजना है। डीसीपी सोनम कुमार ने ASI और CISF अधिकारियों के साथ बैठक कर सुरक्षा का खाका तैयार किया।
सुरक्षा उपायों की वजह
हाल के आतंकी हमलों और क्षेत्रीय सैन्य गतिविधियों, जैसे भारत-पाक तनाव और ऑपरेशन सिंदूर, ने ताजमहल जैसे राष्ट्रीय स्मारकों की सुरक्षा को प्राथमिकता बना दिया है। टीथर्ड ड्रोन और CCTV की बढ़ती संख्या ताजमहल को 24×7 निगरानी के दायरे में लाएगी।