गांव में चीत्कार और पुलिस की संवेदनशीलता
आगरा. फतेहपुर सीकरी के नगला उत्तू गांव में एक दर्दनाक हादसे ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया. चंबल जल परियोजना के तहत पाइपलाइन बिछाने के लिए खोदे गए गड्ढे में मिट्टी धंसने से एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गई. मृतकों में विमला देवी, विनोद देवी, अनुकूल और योगेश कुमारी शामिल थे. दोपहर में जब शव गांव पहुंचे तो चीत्कार से माहौल गमगीन हो गया. एक साथ चार चिताओं के जलने का दृश्य देखकर सैकड़ों लोगों की आंखें नम हो गईं. स्थानीय पुलिस ने संवेदनशीलता दिखाते हुए अर्थियों को कंधा दिया और अंतिम संस्कार में सहयोग किया.
हादसा भरतपुर के दौलतगढ़ गांव में हुआ. यहां पाइपलाइन के लिए 15 फीट गहरा गड्ढा खोदा गया था, जिसमें कोई बैरिकेडिंग नहीं थी. बारिश के कारण गड्ढे की मिट्टी धंस गई, जिसमें छह लोग दब गए. चार की मौत हो गई, जबकि दो घायलों का इलाज चल रहा है. मृतकों में जेठानी-देवरानी और उनके परिवार के सदस्य शामिल थे. ग्रामीण राज शर्मा ने बताया कि सुबह आठ बजे हादसे की सूचना मिलते ही वे और अन्य लोग मौके पर पहुंचे. उन्होंने दो लोगों को मिट्टी से निकाला, लेकिन चार की जान नहीं बच सकी. पुलिस और ग्रामीणों ने मिलकर बचाव कार्य किया.
शवों का पोस्टमार्टम कर दोपहर एक बजे गांव लाया गया. श्मशान घाट पर एक साथ चार चिताएं सजीं, जिन्हें परिवार के सदस्य बंटू ने मुखाग्नि दी. हादसे में मृत योगेश कुमारी का एक साल का बेटा चैतन्य अपने पिता अमित की गोद में श्मशान पहुंचा. मासूम को देखकर लोग भावुक हो गए. गांववासियों ने प्रशासन से पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद की मांग की. स्थानीय नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर सांत्वना दी और सहायता का आश्वासन दिया. मृतक अनुकूल पढ़ाई में होनहार था और बैंकिंग की तैयारी कर रहा था. इस हादसे ने पूरे गांव को झकझोर दिया.